बिहार में क्राइम रेट लगातार बढ़ रहा है और सरकार के दावों की खुले आम धज्जियां उढ़ रही हैं. मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर समीर कुमार की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. हत्यारे एके-47 से उन पर बेतहाशा गोलियां बरसाते रहे और फिर हवा में गोलियां चलाकर फरार हो गए.
वारदात से लोग सन्न रह जाते हैं. राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ जाती है. RLSP के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि, ‘हे भगवान ये क्या हो रहा है?’ लेकिन दूसरी जानिब प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री सुशील मोदी अपराधियों से गुहार लगा रहे हैं.
सुशील मोदी हाथ जोड़कर अपराधियों से बिनती कर रहे हैं कि पितृपक्ष अपराध को अंजाम ना दिया जाए. राज्य के डिप्टी सीएम का अपराधियों के साथ इस तरह का अनुरोध राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर से उठते भरोसे का सबूत सा दिखता है.
प्रदेश की सरकार के इस बयान से ऐसे लगता है जैसे कि आम जनता की तरह सरकार का भी कानून व्यवस्था से भरोसा खत्म हो चुका है.
कमजोर हाथों में राजदंड सुरक्षित नहीं रहता है. फिर बेबसी से भरे बयानों पर क्या कहा जाए. सुशील मोदी का ये बयान साबित कर रहा है कि अपराधियों पर नकेल कसने में सरकार के हाथ कांप रहे हैं इसलिये सरकार हाथ जोड़ रही है.
सुशील मोदी के बयान पर राजनीतिक विरोधियों को भी एक मौका मिला. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अपराधियों के सामने गिड़िगिड़ाने से शासन नहीं चलता है बल्कि शासन रौब से चलता है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में पुलिस से ज्यादा अपराधियों के पास एके-47 है और कुछ दिनों में अपराधियों के पैर भी पकड़ें जाएं तो आश्चर्य नहीं होगा.
सुशील मोदी के इस बयान का असर NDA पर भी पड़ने के आसार हैं. बिहार की गठबंधन सरकार में पहले से ही सब कुछ बेहतर नहीं चल रहा है ऐसे समय सुशील मोदी का बयान राजनीतिक गलियारो में एक बहेस ज़रूर शुरू कर देगा.