लोकतंत्र को आज़ाद करानें के लिये नई पीढ़ी को करेंगे तैयार, 23 से होगी शुरुआत

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लोकतंत्र  मुक्ति आन्दोलन के तहत लखनऊ के विभिन्न इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों में “लोकतंत्र की पाठशाला” आयोजित होगी जिससे लोकतंत्र और संविधान के वास्तविक अर्थ को बताया जा सके |

इसी सम्बन्ध में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसे लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा, एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री श्री विजय कुमार पाण्डेय, समाजसेवी श्री एम् एल गुप्ता, टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक श्री एम पी यादव और युवा अधिवक्ता अमित सचान नें संबोधित किया | 

लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा नें बताया कि लखनऊ के 50 कालेजों में युवाओं के बीच “लोकतंत्र की पाठशाला” लगाई जायेगी जिसमें समाज के तमाम बुद्धिजीवी अपने लोक्तान्तान्त्रिक अनुभवों को युवाओं से बाटेंगे और बताएँगे कि देश में गड़बड़ी की सबसे बड़ी वजह जवाबदेही है क्यूंकि लोक-तंत्र का सीधा सम्बन्ध जवाबदेही से है, प्रताप चन्द्रा नें कहा कि 50 कालेजों में “लोकतंत्र की पाठशाला” पूरी होनें के बाद 10 मार्च 2018 को लखनऊ में “यूथ-पार्लियामेंट” लगाई जाएगी जिसमें लगभग दस हज़ार छात्र हिस्सा लेंगे जिसमें देश के नामचीन लोकतंत्र के पैरोकारों को आमंत्रित किया जायेगा जिससे उनके अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया जा सके |

“लोकतंत्र की पाठशाला” की शुरुआत 23 दिसम्बर दोपहर १ बजे गोमती नगर स्थित टीडी गर्ल्स इंटर कालेज से होगी,

एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री श्री विजय कुमार पाण्डेय नें कहा कि लोक-तंत्र में नागरिक अपनी समस्या के समाधान हेतु अपना जन-प्रतिनिधि चुनता है और अपेक्षा करता है कि उनका जन-प्रतिनिधि उनकी समस्याओं के लिए जवाबदेह होगा परन्तु चुना हुआ जन-प्रतिनिधि के बजाये दल-प्रतिनिधि बन जाता है और जनहित के बजाये जनहित में काम करनें लगता है और जवाबदेही बदलकर दल के प्रति हो जाती है |

समाजसेवी श्री एम् एल गुप्ता नें बताया कि आज लोकतंत्र पर पार्टीतंत्र इस कदर हावी हो चुकी है कि विरोध की स्वीकारता नहीं बची, दिल्ली का जंतर-मंतर खली कराकर कोई अन्य जगह न देना इसका प्रमाण है |

टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक श्री एम पी यादव नें कहा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों को जानना आज की आवश्यकता है, आज सोशल मीडिया के जमानें में छात्रों को न सही जानकारी मिल पाती है और न ही वो जानने के लिए समय निकलते हैं ऐसे में कालेजों का और भी दायित्व बढ़ जाता है छात्रों को उनके अधिकारों और लोकतान्त्रिक मूल्यों को बतानें का जिसके लिए “लोकतंत्र की पाठशाला” अभियान बिलकुल उपयुक्त कदम है |

युवा अधिवक्ता अमित सचान नें बताया कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है परन्तु जिसे जनता नें ये कह कर हरा दिया कि आप सदन में नहीं जानें लायक है, फिर जनता से ऊपर कौन और कैसे हो गया जो निचली सदन में हारनें वाले को उच्च सदन में बैठा देता है, फिर जनता मालिक कहाँ रही, इसीलिए लोकतंत्र को आज़ाद कराना होगा |

https://www.youtube.com/watch?v=eBIyfSqbc0o


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