प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 से 6 जुलाई तक इजरायल के दौरे पर रहेंगे. मोदी इजरायल का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. पीएम मोदी का यह दौरा सैन्य लिहाज से काफी अहम बताया जा रहा है, भारत और इजरायल पिछले कुछ समय में एक दूसरे के काफी करीब आए हैं. सिर्फ सैन्य ताकतों के हिसाब से ही नहीं कूटनीति के हिसाब से भी मोदी के इस दौरे की काफी अहमियत है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एयरपोर्ट पर मोदी के स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे.
90 के दशक से ही भारत और इजरायल के बीच सैन्य संबंध मजबूत होते रहे हैं. पिछले एक दशक के दौरान दोनों देशों के बीच में करीब 670 अरब रुपए का कारोबार हुआ है. वहीं मौजूदा समय में भारत सालाना करीब 67 अरब से 100 अरब रुपए के सैन्य उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है. आपको बता दें कि ये आंकड़े इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत जनवरी, 1992 में हुई थी.
दोनों देशों के बीच रिश्ते को मज़बूती देने में इजरायल की हथियार बेचने की मंशा भी रही है. इसमें 1999 के करगिल युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए लेजर गाइडेड बम और मानवरहित हवाई वाहन शामिल रहे हैं. मुश्किल के समय में भारत के अनुरोध पर इजरायल ने लगातार भारत की मदद की है.
भारत को अभी क्या मिलता है इजरायल से?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, भारत अभी भी इजरायल से काफी हद तक हथियार खरीदता है. मौजूदा समय में इसराइल मिसाइल, एंटी मिसाइल सिस्टम, यूएवी, टोह लेने वाली तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर सिस्टम, हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाली तकनीक और गोला-बारूद इसराइल बड़ी मात्रा में भारत को मुहैया कर|
भारत और इजरायल की बढ़ती दोस्ती से भारत से बैर रखने वाले कई देशों को दिक्कत हो सकती है. उदाहरण के तौर पर इजरायल ने भारत को मिसाइल, एंटी मिसाइल सिस्टम, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, जैसी अहम तकनीक दी है. वहीं इससे उलट इजरायल ने चीन को अवाक्स सिस्टम बेचने से इनकार कर दिया, पर उसने भारत को यह सिस्टम दिया.
इजरायल ने भारत को मई, 2009 और मार्च, 2010 में 73.7 अरब रुपए में रूस निर्मित इल्यूशिन द्वितीय-76 से लैस फाल्कन एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) बेचा था. इंडियन एयरफोर्स के पास तीन ऑपरेशनल अवाक्स मौजूद हैं, इसके अलावा दो अन्य के जल्दी ही वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद है. इजरायल पर इस तकनीक को चीन को ना देने का अमेरिकी दबाव था.
हाल ही में अप्रैल में इजरायल ने भारत के साथ दो अरब डॉलर का करार किया है, जिसके तहत वह भारत को मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति करेगा. यह मिसाइल प्रणाली 70 किमी के दायरे में एयरक्राफ्ट, मिसाइल और ड्रोन को तबाह कर देगी.
नौसेना के लिए भी करार
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने भारत के साथ 63 करोड़ डॉलर मूल्य का एक बड़ा सौदा किया है. इस सौदे के तहत इजरायली कंपनी भारतीय नौसेना के चार पोतों के लिये लंबी दूरी की हवाई और मिसाइल रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराएगी. इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने इस बारे में जानकारी दी.
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