धूमधाम से हुई मेंहदी रस्म, नम आंखों के साथ जयंती गई पिया के घर

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जयंती चली ससुराल

धूमधाम से हुई मेंहदी रस्म, नम आंखों के साथ जयंती गई पिया के घर
महज 2 वर्ष की आयु में कानपुर बाल ग्रह आई थी दिव्यांग जयंती
7 वर्ष की उम्र में स्वराज वृद्धा आश्रम की प्रमुख वरिष्ठ समाज सेविका मंजू भाटिया ले गईं थी आश्रम
अपने बच्चे की तरह पाली गई कमर के नीचे से दिव्यांग जयंती इस समय कर रही है बी.ए. द्वितीय वर्ष
ऑल इंडिया वूमेन डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सोसाइटी ने ली मेंहदी रस्म की जिम्मेदारी, टीम ने सँभाली व्यवस्था
रोटरी क्लब ऑफ कानपुर का रहा विशेष सहयोग

कानपुर महानगर। बेहद कम उम्र में अपनों द्वारा बेसहारा छोड़ी गई जयंती की किस्मत का हर मौजूद सख्स कायल दिखा। जीवन में इंसान का भाग्य कब, कैसे और कहाँ? क्या से क्या बना दे कोई नहीं जानता। धूमधाम से हुई मेंहदी रस्म के साथ शाही अंदाज की इस शादी में चरितार्थ हो रहा था। जब एक वृद्धा आश्रम में अपनों द्वारा ठुकराई गयी जयंती के वैवाहिक कार्यक्रम में मेंहदी रस्म और शादी समारोह किसी शाही अंदाज से कम नहीं था। “मेंहदी रचने वाली है” रस्म के बाद जयंती अपनी ससुराल चली गई।

मौका था कानपुर के पनकी स्थित स्वराज वृद्धा आश्रम में चल रहे वैवाहिक कार्यक्रम का। वैसे तो शादियां बहुत होती रहती हैं लेकिन जयंती की शादी का अंदाज और बात ही कुछ और थी। दरअसल आपको बता दें कि जिस जयंती की शादी हो रही थी वह महज 2 वर्ष की उम्र में कानपुर में एक टोकरी में बंधी हुई मिली थी। कमर के नीचे पूरी तरह से दिव्यांग जयंती को बाल ग्रह लाया गया और यहीं से उसकी किस्मत में चार चाँद लग गये। शुरू से ही समय-समय पर इस बिटिया की देख-रेख वरिष्ठ समाज सेविका मंजू भाटिया ने की और लगभग 7 वर्ष की आयु में जयंती को बालगृह से स्वराज वृद्धा आश्रम ले गईं। इस आश्रम में जयंती का पालन पोषण और पढ़ाई चालू हुई। अपनों द्वारा बेसहारा छोंडी गईं जयंती आज बी.ए. द्वितीय वर्ष कर रही है। पढ़ाई के लिये जयंती अर्मापुर डिग्री कालेज ट्राई साइकिल से आती-जाती थी। स्वराज वृद्धा आश्रम की प्रमुख और जयंती की संरक्षक मंजू भाटिया ने उसकी शादी बर्रा निवासी संजय के साथ तय कर दी। संजय भी दिव्यांग है और उसकी खुद की अपनी प्लास्टिक बैग आदि की शॉप है। स्वराज वृद्धा आश्रम और रोटरी क्लब ऑफ कानपुर की तरफ से आयोजित इस शाही अंदाज शादी को देख हर कोई हतप्रभ था। हर रश्म हर व्यवस्था चाक चौबंद थी। शादी की तैयारियां देखकर नहीं लग रहा था कि यह किस्मत की मारी उसी बिटिया की शादी है जिसको कभी अपनों ने ही ठुकरा दिया था। जयंती की शादी में शहर की कई महान हस्तियों ने शिरकत की। शादी में हर जगह वो सब कुछ दिखा जो एक सम्पन्न परिवार की शादी में होता है। फिर चाहें वो मेंहदी रश्म रही हो या कन्या के दहेज की, या फिर समारोह में पहुँचने वालों के स्वागत की।
मेंहदी रश्म में जहाँ सिंगर बंटी, सिद्धान्त, मनीषा ने सबका दिल जीता वहीं कोरियोग्राफर राघव की टीम ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। मेंहदी रश्म के दौरान कनिष्का ने मेंहदी रचने वाली है…. की शानदार प्रस्तुति दी। नम आंखों के साथ जयंती ससुराल चली गई। इस शुभ अवसर पर स्वराज वृद्धा आश्रम की प्रमुख मंजू भाटिया, वरिष्ठ समाजसेविका निर्मल कपूर, युवराज, ऑल इंडिया वूमेन डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सोसाइटी संस्था की टीम और स्नेह अग्निहोत्री, आभा निगम, अनुपमा सिंह भदौरिया सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

सर्वोत्तम तिवारी की रिपोर्ट 


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