सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि राजनीति में अपराधिकरण को रोकना संसद का कर्तव्य है. सूप्रीम कोर्ट में पाँच जजों का संविधान पीठ ने कहा कि करप्शन एक नाउन है. चीफ जस्टिस ने कहा कि करप्शन राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन गया है. भारतीय लोकतंत्र में संविधान के भारी मेंडेट के बावजूद राजनीति में अपराधीकरण का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. और कानून का पालन करना सबकी जवाबदेही है.
कोर्ट ने कहा कि वक्त आ गया है कि संसद कानून लाए ताकि अपराधी राजनीति से दूर रहें. कोर्ट ने इस फैसले से दागी नेताओं को राहत मिली है. कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ़ आरोप तय होने से किसी को अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता है और बिना सज़ा के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क़ानून बनेगा तभी अपराधी राजनीति से दूर होंगे और वक़्त आ गया है कि संसद जल्द क़ानून बनाए. पैसा, बाहुबल को राजनीति से दूर रखना संसद का कर्तव्य है और राजनीतिक अपराध लोकतंत्र की राह में बाधा है. उम्मीदवारों को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होगी.