घूस लेते हुआ इनका वीडियो वाइरल 

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मिन्नतुल्लाह
घूसखोरी का अड्डा बना जिलाधिकारी कार्यालय बाबू द्वारा घूस लेते वीडियो वायरल
घूसखोरी का नया वीडियो इस बार अम्बेडकरनगर जिलाधिकारी कार्यालय का  है | इसके पहले भी दो अन्य मामलों में जिला कलेक्ट्रेट में घूस मांगने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे एक बाबू अपनी आफिस में बैठ कर स्टाम्प वेंडर से घूस मांग रहा था और दूसरे वायरल वीडियो बाबू का काम देख रहे एक लेखपाल खुले आम भूमि के प्रमाण पत्र के लिए पैसे की मांग कर रहा था और मना करने पर दुबारा आफिस में न दिखाई पड़ने की धमकी दे रहा था | अब जो वीडियो सामने आया है, उसमे कलेक्ट्रेट के दो बाबू हजारों रूपये घूस के नाम पर लेते हुए कैमरे में कैद हुए हैं | जिसमे साफ़ तौर पर यह दिखाई पड़ रहा है कि जितना रुपया इन बाबुओं ने लिया है कलेक्ट्रेट में कोई ऐसा वैध काम इन बाबुओं के जिम्मे नहीं है, जिसके लिए इतनी बड़ी रकम इन लोगों ने वसूल कर ली है |
अम्बेडकरनगर।सूबे में योगी सरकार जिस दिन से आई है, लगातार स्वच्छ प्रशासन और नागरिकों को अच्छी सुविधा मुहैया कराने के साथ पारदर्शी सरकार होने का दावा कर रही है, लेकिन यह दावे लगातार फेल होते दिखाई पड़ रहे हैं | कारण साफ़ है नौकर शाह किसी भी कीमत पर अपनी छवि बदलने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं | जैसा अब साफ़ तौर कहा जाने लगा है कि घूसखोरी तो नौकरशाही की रगों में दौड़ रही है और इससे निजात पाना संभव नहीं बल्कि नामुमकिन है | आज हम आपको ऐसा कुछ बताने जा रहे है जिसे सुन कर आपके होश जरूर उड़ जायेंगे | यहाँ यह नहीं कहा जा सकता कि सरकारी आफिसों में काम कराने को लेकर सभी घूस लेते हैं | आज भी बहुत से अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जो बिना किसी अवैध वसूली के लोगों का काम करते हैं | हालांकि ऐसे लोगों की संख्या शायद कम ही है |
               घूसखोरी का नया वीडियो इस बार अम्बेडकरनगर जिलाधिकारी कार्यालय का  है | इसके पहले भी दो अन्य मामलों में जिला कलेक्ट्रेट में घूस मांगने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे एक बाबू अपनी आफिस में बैठ कर स्टाम्प वेंडर से घूस मांग रहा था और दूसरे वायरल वीडियो बाबू का काम देख रहे एक लेखपाल खुले आम भूमि के प्रमाण पत्र के लिए पैसे की मांग कर रहा था और मना करने पर दुबारा आफिस में न दिखाई पड़ने की धमकी दे रहा था | अब जो वीडियो सामने आया है, उसमे कलेक्ट्रेट के दो बाबू हजारों रूपये घूस के नाम पर लेते हुए कैमरे में कैद हुए हैं | जिसमे साफ़ तौर पर यह दिखाई पड़ रहा है कि जितना रुपया इन बाबुओं ने लिया है कलेक्ट्रेट में कोई ऐसा वैध काम इन बाबुओं के जिम्मे नहीं है, जिसके लिए इतनी बड़ी रकम इन लोगों ने वसूल कर ली है |
    घूसखोरी के इस वीडियो के पीछे जो मामला सामने आया उसमे एक आरा मशीन के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए कलेक्ट्रेट से अनापत्ति प्रमाण पत्र का मामला है | मिली जानकारी के अनुसार जिले के टाण्डा तहसील के एक आरा मशीन के लाइसेंस अवधि समाप्त हो जाने के बाद लाइसेंस धारक ने उसके नवीनीकरण के लिए वन विभाग में आवेदन किया था, जिसकी प्रक्रिया में तहसील और जिला प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद ही लाइसेंस नवीनीकृत किया जा सकता है | इसी अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदक तहसील से अपनी रिपोर्ट तो बिना किसी कठिनाई के लगवा लिया और जब रिपोर्ट तहसील कार्यालय से कलेक्ट्रेट पहुंची तो वहां कार्यालय के दो बाबुओं के चक्कर में उलझ गया | ये दोनों बाबू उसे लगातार दौड़ाते रहे और अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बदले आवेदक से यह कहकर घूस मांगने लगे कि अधिकारी बिना घूस लिए यह प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगे | आवेदक के अनुसार उसने काफी रुपया इन बाबुओं को दे भी दिया था, लेकिन उससे कई किश्तों में रुपया लेने के बावजूद बाबू उसका काम नहीं कर रहे थे | काम निपटाने के लिए और रूपये की मांग कर रहे थे | इसी के बाद आवेदक ने इन बाबुओं की करतूत को बेनकाब करने का फैसला लिया और उसने और पैसा देने के साथ ही उनकी घूस लेते हुए वीडियो रिकार्डिंग कर ली ।
        अब हम आपको इस वीडियो की पूरी हकीकत बताते हैं | दर असल जिस आरा मशीन के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बाबू पैसा मांग रहे थे | वह अनापत्ति पैसा देने के बाद जारी भी हुआ और उसका नवीनीकरण भी इसी आधार पर कर दिया गया है, लेकिन जब तहसील से रिपोर्ट अनापत्ति के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची तो इसका काम देख रहे दो बाबू आवेदक से अधिकारी के नाम पर पैसे की डिमांड करने लगे | थक हार कर उसने कुछ रकम तो दी लेकिन और पैसे की माग के आधार पर ये बाबू उसका प्रमाण पत्र जारी नहीं करा रहे थे | घूसखोरी करते हुए रिकार्ड किये गए वीडियो का दो भाग है, जिसमे पहले भाग में जिलाधिकारी के कार्यालय में शिव कुमार नाम का बाबू एक व्यक्ति से पांच सौ रूपये की कई नोट लेते हुए साफ़ दिखाई पड़ रहा है | वीडियो को गौर से सुनने पर सुनाई पड़ता है कि पांच  हजार है और बाबू यह रकम जल्दी से अपनी जेब में रख लेता है फिर अपना काम निपटा कर आवेदक से कहता है कि उसे पुराने तहसील तिराहे पर छोड़ दे अब उसका काम पक्का हो गया है |
      वीडियो के दूसरे भाग में आवेदक कलेक्ट्रेट के दूसरे बाबू लाल चंद के साथ आफिस से निकल कर परिसर में आता है, जहाँ एक मोटर साईकिल पर बैठकर आवेदक से पूंछता है क्या हुआ लाये हो आवेदक बताता है कि हाँ लाया हूँ | फिर बाबू उससे पूंछता | अभी तक जितने भी मामले में घूसखोरी का वीडियो सामने आया है, उसमे हजार पांच सौ रूपये से ज्यादा की घूसखोरी नहीं दिखाई पड़ी थी, लेकिन इस मामले में यह रकम काफी बड़ी है |  है कि पूरा लाये हो तो आवेदक कहता है कि हाँ आपने पचास कहा था पूरा पचास हज़ार लाया हूँ | फिर यह बाबू यह कहते हुए सुनाई पड़ रहा है कि बीस और लाना चाहिए था, जिस पर आवेदक कहता है कि आपने इतना ही कहा था | बाबू उसे समझाते हुए कहता है कि कोई बात नहीं अगर अधिकारी मान गए तो ठीक  नहीं तो 20 का और इंतजाम कर लो  अगर जरूरत पड़ेगी तो मै काम कराने के बाद में ले लूँगा | इसके बाद आवेदक बाबू को पांच सौ रूपये के नोट की गड्डी बाबू को दे देता है, जिसे बाबू मोटर साईकिल पर बैठकर ही गिनना शुरू करने से पहले ही आवेदक की मोबाइल की तरफ इसारा करते हुए कहता है कि इसे दूसरी तरफ घुमा लो आवेदक ने बाबू को आश्वस्त किया कि यह बंद है  ऐसी कोई बात नहीं है और बाबू रुपया गिनना शुरू कर देता है | पूरी नोट गिनने के बाद बाबू कहता है कि यह कुल 99 नोट ही है एक नोट कम है
इस वीडियो से तो मतलब साफ़ है कि आरा मशीन के अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए इन दोनों बाबुओं ने अधिकारी के नाम पर पैसे की वसूली की है और जिस तरह की वसूली की गई है वह अम्बेडकर नगर जिले के कलेक्ट्रेट के इतिहास में अभी तक जा सबसे बड़ा घूस खोरी का मामला है और इस वीडियो को देखकर ही यह समझ में भी आ जाता है की कलेक्ट्रेट अम्बेडकरनगर में अगर कोई कार्य करवाना है तो पैसा देकर ही कराया जा सकता है और अगर पैसा नहीं दिया गया तो कार्य होने वाला नहीं है। 
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