टाण्डा अम्बेडकरनगर।नगर पालिका परिषद टाण्डा द्वारा नियम कानून को ताक पर रख कर कराये जा रहे कार्यो पर नकेल कसते हुए तीन सदस्यीय जाँच टीम का गठन तो कर दिया है लेकिन अब देखना यह है की जिन ठेकेदार ने नगर पालिका की बिना अनुमति के स्लाटर हॉउस में तोड़ फोड़ कर दीवार आदि को छतिग्रस्त कर दिया है क्या उसके खिलाफ सरकारी सम्पत्ति के नुकसान का मुकदमा दर्ज होता है या फिर यह जाँच भी नगर पालिका के दफा सरपट काम की तरह ही साबित होती है।
नियम कानून को ताक पर रखकर नगर पालिका को निर्माण कार्य कराना शायद अब भारी पड़ जाये पाँच साल की सपा सरकार के दौरान जिस तरह से नियम कानून को ताक पर रखकर कार्य कराया उसी तरह यह अब योगी सरकार में भी कराना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उनके इस अरमान पर पानी फेरते हुए बिना टेण्डर तथा बिना वर्क आर्डर के कार्य कराना महँगा पड़ गया है।जिलाधिकारी अम्बेडकरनगर ने मामले को संज्ञान में लेकर तीन सदस्यीय जाँच टीम का गठन कर दिया है और यह टीम स्लाटर हॉउस पर पहुँचकर बारीकी से मुआयना किया और प्रथम दृष्यता मामला संदिग्ध भी मिला उपजिलाधिकारी टाण्डा नरेन्द्र सिंह उपजिलाधिकारी अकबरपुर विवेक मिश्रा व ए ई पीडब्लूडी अजीत यादव ने पहुँचकर मामले की जाँच करते हुए स्लाटर हॉउस में की गई तोड़ फोड़ को भी देखा और आस पास के लोगो का बयान भी दर्ज किया लेकिन इस जाँच टीम ने न तो स्लाटर हॉउस बिना ठेका व वर्क आर्डर के कार्य कराने वाले ठेकेदार का बयान दर्ज किया और न ही वहाँ पर सरकारी सम्पत्ति ने नुकसान का आंकलन किया बल्कि नगर पालिका के जेई द्वारा कही गई बात की यह काम दफा सरपट हो रहा है की तर्ज पर आनन फानन में जाँच भी करने लगे है अब देखना यह है की बगैर टेण्डर व वर्क आर्डर के नगर पालिका के स्लाटर हॉउस में तोड़ फोड़ करने वाले ठेकेदार पर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने का मुकदमा दर्ज होता है या सभी सरकारी जाँच की तरह यह जाँच भी मात्र खानापूर्ति तक ही सिमित रहती है।
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