किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिए कृषि विभाग चला रहा पाठशाला
शबाहत हुसैन विजेता
लखनऊ. किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिए भारत सरकार किसानों की पाठशालाओं का आयोजन कर रही है ताकि देश के हर किसान को उन बारीकियों की जानकारी हो सके जिसके इस्तेमाल से वह अपनी फसल में सुधार करें और अपनी आमदनी को दुगना कर सकें. इसके लिए उत्तर प्रदेश में 15 हज़ार पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है. पहले चरण में 21 से 23 जून तक किसान पाठशालाओं का आयोजन किया गया और दूसरे चरण में 25 से 27 तक पाठशालाएं चलाई गईं.
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के सौजन्य से सूबे के ग्रामीण अंचलों में चलाई जा रही इन किसान पाठशालाओं के ज़रिये किसानों को शिक्षित करने का काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश के अपर कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) डॉ. वी.पी.सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक ब्यूरो आनन्द त्रिपाठी, लखनऊ मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक वीरेन्द्र सिसौदिया, ज़िला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह सहित कई अधिकारी किसान पाठशालाओं में बीज, उर्वरक और कीटनाशक के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
किसान पाठशालाओं में किसानों को बताया जा रहा है कि बीज को बोने से पहले उसे शोधित करना चाहिए. एक किलो बीज में 4 ग्राम ट्राईकोडर्मा डालकर इसे घड़े में रखकर कपड़े से लपेटकर घड़े को घुमाया जाता है ताकि बीज में ट्राईकोडर्मा अच्छे से लग जाये. इसके बाद बीज को बोया जाता है.
किसानों को बताया जा रहा है कि खेतों में मेढ़ चढ़ाकर पहली बारिश का पानी हर हाल में रोकना चाहिए क्योंकि इस पानी में नाइट्रोजन और यूरिया की अच्छी मात्रा होती है. यह खेती के लिए बहुत उपयोगी होती है. इसके अलावा खेतों में केचुओं की संख्या को बढ़ाना चाहिए क्योंकि केचुए होने का अर्थ ही धरती का उपजाऊ होना है.
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