कभी लेखक नहीं बन सकते सुने के बाद भी हार नहीं माने थे

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बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने अपने जीवन के 73 वर्ष पूरे कर लिए हैं. जावेद का जन्म ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को हुआ था. उन्हें देश के बेहतरीन गीतकारों में शुमार किया जाता है और इसकी वजह उनकी उम्दा नज्म और गज़लें हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. बाद में वो स्क्रिप्ट राइटर भी बनें.

सलीम-जावेद की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई कालजयी फिल्मों की कहानियां लिखी. इसी जोड़ी ने पर्दे पर अमिताभ की एंग्री यंग मैन की छवि गढ़ी. बाद इमं उन्होंने स्क्रिप्ट लिखना छोड़ दिया और पूरी तरह से गीतकार के तौर पर काम करने लगे. हालांकि जावेद का करियर उतना आसान अन्हीन था जितना नजर आता है. आइए जानते हैं जावेद अख्तर के जीवन की कुछ अनसुनी बातों के बारे में…

1. जावेद के पिता भी एक प्रसिद्ध शायर थे. उनके एक पसंदीदा शेर में जादू नाम का जिक्र था. अचानक उस शायरी को पढ़ कर उन्हें अपने बेटे का ख्याल आया और उन्होंने अपने बेटे का नाम भी जादू रख दिया.

2. जावेद अख्तर की कलाई में हमेशा एक कड़ा देखा जा सकता हैं. ये कड़ा उनके एक दोस्त ने विदेश जाने से पहले निशानी के रूप में दिया था तब से लेकर अब तक उन्होंने इसे कभी नहीं उतारा. ये उनके कॉलेज के दिनों की बात है.

3. संघर्ष के दिनों में डायरेक्टर कमाल अमरोही के स्टूडियो में रहते थे जावेद अख्तर. एक बार एक कमरे की अलमारी खोलने पर उन्हें कुछ पोशाकें और कुछ फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले. वो अवॉर्ड मीना कुमारी के थे. उन्होंने आइने के सामने खड़े होकर कहा कि एक दिन वो भी ऐसे ही ट्रॉफी जीतेंगें. आगे इतिहास उन्होंने तमाम अवॉर्ड अपने नाम किए.

4. जावेद अख्तर ने श्रेष्ठ गीत के लिए पांच नेशनल अवॉर्ड जीते हैं. हिंदी फिल्मों के लिए गीतों में उनके नाम सबसे ज्यादा अवॉर्ड दर्ज है.

5. अपने जीवन के शुरुआती दिनो में वो एक दफा स्क्रिप्ट लेकर किसी प्रोड्यूसर के पास गए. प्रोड्यूसर को उनकी लेखनी इतनी बुरी लगी कि उस प्रोड्यूसर ने इनके मुंह पर कागज फेंक कर कहा, तुम जिंदगी में कभी लेखक नहीं बन सकते.

6. सलीम खान के साथ इनकी जोड़ी बॉलीवुड की सबसे सफल जोड़ियों में शुमार की जाती है. फिल्म अंदाज, हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, यादों की बारात, जंजीर, दीवार, शोले, डॉन, क्रांति और शक्ति प्रमुख है.

7. सलीम-जावेद की ही वो जोड़ी थी जिसने अमिताभ बच्चन के करियर को निखारा और उन्हें उस दौर का सबसे उम्दा कलाकार बना दिया.

8. जावेद अख्तर कभी भी गीतकार बनने की तमन्ना नहीं रखते थे, लेकिन यश चोपड़ा की जिद पर उन्होंने फिल्म सिलसिला के गीत लिखे. गीत इतने हिट हुए की आज तक लोगों के होंठों पर आ ही जाते हैं.

9. सिलसिला फिल्म के बाद तो जैसे जावेद साहब के इस करियर का सिलसिला भी चल पड़ा और उनका गीत बढ़ती उम्र के साथ और जवां होता गया साथ ही और इश्कनुमा भी. उन्होंने सिलसिला के अलावा सागर, 1942 अ लव स्टोरी, मिस्टर इंडिया, बॉर्डर, बादशाह, लगान, कल हो ना हो और लक्ष्य जैसी फिल्मों में सुपरहिट संगीत दिए.

https://www.youtube.com/watch?v=VRpNjJlLTY0&t=110s


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