ए.ऍफ़.टी.बी.ए. में अधिवक्ताओं की निःशुल्क चिकित्सा-सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी

0
225
पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लीक करे———————
हमसे जुड़ने के लिए सम्पर्क करे 9918956492————————-
ए.ऍफ़.टी.बी.ए. में अधिवक्ताओं की निःशुल्क चिकित्सा-सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी
ए.ऍफ़.टी.बी.ए. के सदस्य स्वयं संभालेंगे अधिवक्ताओं की निःशुल्क चिकत्सा-सुविधा:विजय कुमार पाण्डेय

ए.ऍफ़.टी.बी.ए. लखनऊ, अधिवक्ताओं की चिकित्सा-सुविधाओं के प्रति बेहद ही संजीदा थी इसलिए, इस अति-आवश्यक विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बार के प्रतिनिधि-मंडल ने अप्रैल में सेना कोर्ट के रजिस्ट्रार रिटायर्ड कर्नल सीमित कुमार के माध्यम से सरकार को एक लिखित ज्ञापन सौंपा,  रजिस्ट्रार ने अप्रैल महीने में ही पमुख सचिव (स्वास्थ्य) को पत्र-प्रेषित करके अधिवक्ताओं की मांग से अवगत करा दिया था लेकिन, अभी तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, अधिवक्ताओं की मांग और परेशानी की जानकारी मिलने पर बार के सदस्य कर्नल अशोक कुमार श्रीवास्तव ने स्वतः ही अधिवक्ताओं को चिकिस्ता-सुविधा देने का फैसला किया और बार को अपने इस निर्णय से अवगत कराया, बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि श्रीवास्तवजी एक विशेषज्ञ-चिकित्सक हैं एवं उनको विभिन्न चिकित्सा-पद्धतियों में अपने अनुभव से महारत हासिल कर रखी है, विजय पाण्डेय ने कहा कि श्री श्रीवास्तव ने सदस्यों की समस्याओं एवं जरूरतों को देखते हुए स्वतः ही इस बात का संज्ञान लिया कि वे बार को अपनी दक्षता का लाभ देने का प्रयास करेंगें जिससे, विजय पाण्डेय ने यह भी बताया कि बार में यह साप्ताहिक-सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जाएगी इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क श्रीवास्तव जी द्वारा नहीं लिया जाएगा क्योंकि, उनका मानना है कि चिकित्सा सुविधा आज के दौर में अति-आवश्यक विषय है यदि हमारे पास उससे संम्बन्धित किसी प्रकार की दक्षता है तो उसका लाभ समाज को मिलना चाहिए, क्योंकि आज जो कुछ भी हमारे पास उपलब्ध है वह समाज द्वारा प्रदत्त उपहार है और उसे समाज हित में प्रयोग करना हमारा दायित्व है.

        बार के संयुक्त-सचिव पंकज कुमार शुक्ला ने कहा कि श्रीवास्तवजी के इस अविस्मरणीय सहयोग के लिए बार उनकी आभारी है, अधिवक्ता हित में उनके द्वारा लिया गया यह फैसला दूरगामी असर डालेगा और भविष्य में अन्य लोग भी सामने आकर बार को सुविधांए उपलब्ध कराने के लिए सामने आएंगें और सहभागिता आधारित आदर्श बार की संरचना में सहयोग देंगे लेकिन, सरकार से हमारी मांग अनवरत जारी रहेगी कि वह बार को चिकत्सक उपलब्ध कराए.          

        वरिष्ठ-अधिवक्ता एवं पूर्व-जनरल सेक्रेटरी डी. एस. तिवारी ने कहा कि बार में एक डाक्टर की आवश्यकता काफी लम्बे समय से महसूस की जा रही थी जिसके लिए जनरल सेक्रेटरी ने कदम उठाया, जो अधिवक्ता हित के लिए आवश्यक था लेकिन, शासन के उदासीन रुख के कारण सफलता नहीं मिली लेकिन, श्रीवास्तव ने जी इस जिम्मेदारी को उठाकर सराहनीय कार्य किया जिसकी जितनी सराहना की जाय कम है, इनका कार्य जहा एक तरफ जिम्मेदार बार के सदस्य के रूप ने स्वागतयोग्य है वही सजग, सचेष्ट और जिम्मेदार नागरिक के रूप में बहुत ही बड़ा निर्णय है, चूँकि श्रीवास्तवजी का सेना से भी सरोकार रहा है इसलिए इसके निहितार्थ व्यापक हो जाते है सैनिक की हार न मानने की सोच ने ही उनको इस कार्य के लिए प्रेरित किया.

        सैन्य मामलों के विशेषज्ञ एवं बार के वरिष्ठ- अधिवक्ता  रिटार्यड कर्नल वाई. आर. शर्मा ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार से हमारे सदस्य अपनी जिम्मेदारियों को उठाने के लिए आगे आते रहंगे तो वह दिन दूर नहीं जब एकमात्र आत्म-निर्भर बार के रूप में हमारी बार की पहचान बनेगी, युवा-विंग के अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल राकेश जौहरी ने कहा कि यह कार्य अप्रतिम, अविस्मरणीय  एवं अतुलनीय है, युवा अधिवक्ता रोहित कुमार और शैलेन्द्र कुमार सिंह ने प्रमुक सचिव की उदासीनता को निराशाजनक बताते हुए इस कार्य को करारा जवाब बताया, बार की कार्यकारी सदस्या सुश्री कविता सिंह चन्देल ने कहा कि श्रीवास्तव जी के इस कदम से महिला अधिवक्ताओं की दिक्कतों का समाधान होगा, पूर्व स्थायी अधिवक्ता भारत सरकार श्रीमती दीप्ती प्रसाद बाजपाई ने कहा कि स्वास्थ्य सम्बन्धी विषय व्यक्ति की मौलिक आवश्यकताओं में आते है लिहाजा “स्वस्थ-अधिवक्ता” वर्तमान समाज की बड़ी आवश्यकता है जिसको श्रीवस्तव जी ने कर दिखाया, पूर्व-कोषाध्यक्ष आर.चन्द्रा ने कहा कि अधिवक्ता उपेक्षा से हम काफी आहत थे लेकिन आज श्रीवास्तवजी ने जीत का एहसास दिलाया.                            

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here