ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर दानिशवरो का विचार(अमोर बैसा / पूर्णिया ) यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत को
लेकर सभी धर्मनिरपेक्ष दलों में ईवीएम के खिलाफ खूब चृचा हो रही हैं,वहीं सीमांचल के अमोर बैसा में इसका असर खूब खूब देखने को मिल रहा है।देश के राजनीतिक हालात पे नजर रखने वाले और अमोर बैसा के कल्याण के लिये एकजुट होकर इस ओर राजनीतिक नेताओं का ध्यान केंद्रित करने वाले अमोर बैसा वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने भाजपा की ऐतिहासिक जीत को अलग नज़रिया देख रहे है . ईवीएम की गड़बड़ी को उजागर करते हुए मोहम्मद इकराम उद्दीन,सदस्य (अबवा) ने कहा कि अगर आप ने 11 मार्च के चुनाव परिणाम पर ध्यान दिया हो तो उत्तर प्रदेश के 403 सीटों के परिणाम का रुझान तो महज 2 ही घंटे में आ गए लेकिन गोवा और मणिपुर की सभी 40 और 60 सीटों पर रुझान 3
बजे तक आने शुरू हुए, ऐसा कैसे हो सकता है कि 403 सीटों की गिनती केवल 2घंटे में जबकि 40 सीटों की गिनती में 7 घंटे लगे हालांकि दोनों जगह मशीने एक ही जैसे हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि अगर मशीनों में केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बिगाड़ पैदा की जा सकती है तो पंजाब, बिहार और दिल्ली में क्यों नहीं? इसका जवाब यह है कि पहली बात बिगाड़ हर जगह नहीं करवाई जा सकती है और दूसरी बात उत्तर प्रदेश का महत्व हम सभी जानते हैं। उत्तर प्रदेश में इतनी बहुमत के बाद राज्यसभा में भाजपा बहुमत में पहुंच
जाएगा और कॉर्पोरेट लाभ के लिए सभी बिलों को अब आसानी से पास करा दिए जाएंगे
वहीं इमरान भाई ने कहा कि यूपी में भाजपा की जीत उन के लिए सबक और इबरत है जो मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों को अपने परिवार की जागीर समझते थे, रही बात ईवीएम की तो अगर इस मे सचमुच छेड़छाड़ की कई है तो उसके खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जरूरत है। वरना चुनाव का कोई महत्व नहीं रह जाईगा.वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कौसर रजा ने भाजपा की जीत को ईवीएम में गड़बड़ी का कारण बताया, जनता इस बात को लेकर परेशान है कि EVM में गड़बड़ी करके हमारे लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, और इसी से वह आज सड़कों पे आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन मायावती और अखिलेश इस ओर हरकत करते नहीं दिख रहे हैं। EVM में गड़बड़ी की बात पहले मायावती ने उठाई फिर अखिलेश यादव ने। मगर मायावती और अखिलेश सड़क पे उतर कर EVM के खिलाफ सड़कों में उतर कर आवाज नहीं उठा रहे हैं। अगर इस मामले में कुछ होगा तो जान जनता ही का होगा.राजनीतिक लोग अपने शांति पुर्व्क महल में आराम करते रहेंगे। गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बहन जी मायावती ने मतगणना पूरी होने से पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी की जीत को मोदी लहर से न जोड़कर बल्कि ईवीएम का कमाल कहा था.और चुनाव आयोग से चुनाव सिरे से बैलेट पेपर कराने की मांग की थी इन की बात में सच्चाई को देखकर अखिलेश यादव, राज बब्बर, लालू
प्रसाद सहित कई राजनेताओं ने ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाकर चुनाव रद्द करने
की मांग की है।
ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर दानिशवरो का विचार
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