आजकल के लाइफस्टाइल और टेंशन को देखते हुए कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को ‘अवसाद’ की समस्या से लड़ने के लिए समाज की मनोवृत्ति में बदलाव लाने और इस समस्या से पीड़ित लोगों को इसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा।
मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान कहा, “हम अवसाद के बारे में जानते हैं। हालांकि, अवसाद से पीड़ित लोग दूसरों से अपने अनुभव साझा करने के लिए आगे नहीं आते क्योंकि उन्हें ऐसा करने में शर्म महसूस होती है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा और उन्हें खुलकर बोलने और अपनी तकलीफ बांटने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।”
उन्होंने कहा कि अवसाद लाइलाज बीमारी नहीं है और सही मनोवैज्ञानिक माहौल के जरिए पीड़ित को इस समस्या से बाहर निकाला जा सकता है।
मोदी ने कहा, “अवसाद को दबाना सही नहीं है। इसे अभिव्यक्त करना जरूरी है। अवसाद ग्रस्त महसूस करने की स्थिति में आपको अन्य लोगों के साथ अपनी भावनाएं साझा करनी चाहिए। इससे आप बेहतर महसूस करेंगे।”