मोलवियों पर जम के बरसे आफ़ ताब-ए-शरियत मौलाना कल्बे जवाद

0
257

यह मोलवी झूठ बोल रहे हैं, टोटल झूठ बोल रहे हैं बहुत बेशर्मी से झूठ बोल रहे हैं

किसी भी पार्टी ने हमारी क़ौम के लिये काम नहीं किया बल्कि सबने नुकसान पहुंचाया है, समाजवादी पार्टी की हुकूमत में उलेमा को लाठियां मारी गयीं और एक रोज़ेदार को शहीद कर दिया गया। इसी तरह से कांग्रेस नें दिल्ली में शाहेमरदां की करबला में चेहल्लुम के दिन गोलियां चलायीं और आसूं गैस के गोले फेके, लाठी चार्ज में सैकड़ों औरतें बच्चे जख़़्मी हुये, तो इन सब पार्टियों के दौर में इस तरह ज़ुल्मों सितम हुये और जब भाजपा की हुकूमत आयी तो हमारी अज़ादारी में भी फ़ रो$ग हुआ और इन्हीं की वजह से लखनऊ से नजफ़ की फ़्लाईट हुई और जो हम शाहेमरदां का मुक़दमा जीते हैं इसमें भी इन्हीं की कोशिशें शामिल थीं इसी तरह से बहुत से काम इन्होंने शियों के हक़ में किये जो किसी भी दूसरी पार्टी के लीडर ने नहीं किये। इसीलिये बस हमनें इनके लिये दुआ की है इसके अलावा न हमनें पूरे हिन्दुस्तान में किसी पार्टी की हिमायत की है और न किसी लीडर की। यह सब ग़लतफहमियां फैलायी जा रहीं हैं जिसमें मोलवी और दूसरी पार्टी के लोग हैं जो यह सब ग़लतफ़हमियां फैला रहे हैं। मोलवी जो कभी किसी तहरीक में आगे नहीं आये कभी इन्होंने क़ौम का कोई काम किया ही नहीं, इन्होंने सब नक़ली तंज़ीमें बना रखी हैं जिससे वह फ़ायदा उठाया करते हैं। यह वही लोग है जो हंगामा मचा रहे हैं जबकि यह जो भी काम हो रहा है क़ौम के मफ़ात में हो रहा है और हम सब को क़ौम को देखना है, यह देखना है किससे क़ौम को फ ़ायदा पहुंच रहा है। आप देखें कि हमारे उलेमा पर लाठियां बरसायी गयीं और एक रोज़ेदार भी शहीद हो गया लेकिन किसी मुसलमान मोलवी ने इसकी मज़म्मत नहीं की यहां तक की शिया उलेमा नें भी उसकी मज़म्मत नहीं की। मुम्बई के सारे उलेमा अपने मूंह बांधे रहे और एक लव्ज़ भी उसकी मज़म्मत में नहीं कहा, इसी तरह बिहार में एक आलिम पर ज़ुल्म हुआ लेकिन कोई आलिम नहीं बोला, सबने ख़ामोशी अखि़्तयार की। इसी तरह से ज़ैनबियां बेंच डाला गया और सब उसी सरमायेदार के पिठठू बने रहे जिसने ज़ैनबिया बेचा। यह हमेशा सरमायादारों के पिठठू रहे हैं यह नहीं चाहतें कि कोई भी शख़्स क़ौम के लिये काम करें क्योंकि हर एक ने अपनी अपनी ज़ात के लिये काम किया है, अगर किसी एक ने भी कोई एक भी क़ौमी काम किया हो तो उसे वह बताये ताकि उसको क़ौम के सामने पेश किया जा सके कि यह आपने काम किया है। इन्होंने सिफऱ् और सिफऱ् सरमायादारों से फ़ायदा उठाया और इनकी कोशिश है कि पार्टी से भी फ़ायदा उठायें जबकि हमारे पेशेनजऱ हमेशा यह रहता है कि क़ौम का फ़ायदा किससे हो हम उसमें अकेले नहीं थे बल्कि उसमें और भी बहुत से शिया उलेमा थे उन्होने उनके लिये दुआ की फिर वहां सुन्नी उलेमा भी थे यह कहना बिल्कुल ग़लत है कि इससे शिया सुन्नी में इक़तेलाफ़ पैदा होगा तो वहां तो शियों से ज़्यादा सुन्नी आलिम थे, अजमेर के उलेमा वहां थे, निज़ामुददीन औलिया के यहां के नुमाइंदे वहां थे, किछौछा शरीफ़ के नुमाइंदे वहां मौजूद थे तो शिया सुन्नी इक़तेलाफ़ की बात कहां पर हो रही है वहां तो दोनों ही मौजूद थे। जो पार्टियों के वफ़ादार हैं वही हुल्लड़ मचा रहे हैं या वह मोलवी जो बेअमल मोलवी हैं जिनका कोई काम काज नहीं है वह ही हुल्लड़ हंगामें मचा रहे हैं और इन्होंने हमारा किसी तहरीक में साथ नहीं दिया, हमनें शाहेमरदां दिल्ली के लिये लाठिया खायीं लेकिन कोई हमारे साथ नहीं आया इसी तरह से लखनऊ में इतनी तहरीकें चली कोई मोलवी साथ नहीं आया लेकिन तनक़ीद के लिये यह बड़े बड़े मुंह खोल देते हैं, इनका काम सिफऱ् तनक़ीद करना है और इनका जि़ंदगी में कोई काम ही नहीं है, इन्होंने से अपनी जि़ंदगी में बस दो ही काम किया है या चन्दा लिया है या तनक़ीद की है इनकी सारी तंज़ीमे फज़ऱ्ी हैं, जाली है किसी फज़ऱ्ी आदमी का क़ुम से बयान आया कि जलसा हुआ, जलसा हुआ तो उसमें कितने आदमी शामिल हुये इसका कोई एलान नहीं, इसमें कोई तंज़ीम शरीक हुई कोई नाम नहीं, बस एक फर्ज़ी उसने वहां से डाल दिया सिफऱ् क़ौम को धोखा देने के लिये इसलिये हमको क़ौम को देखना है जो पार्टी भी क़ौम को फ़ायदा पहुंचायेगी हम वह देखेंगें कि क़ौम को फ़ायदा किससे पहुंच रहा है हमको बस यही  देखना है। हमें पार्टी नहीं देखना है हम बस यह देख रहे हैं कि कौन क़ौम को फ़ायदा पहुंचायेगा। अब तक सबने बस क़ौम को नुकसान ही पहुंचाया है थोड़ा बहुत हमारी क़ौम को इनसे फ़ायदा पहुंच गया तो हमने सोचा कि उनके लिये दुआ कर दी जाये किसी पार्टी के लिये या पूरे हिन्दुस्तान में किसी के लिये भी हमारी तरफ़ से कोई एलान नही है यह झूठा बयान दिया जाता है कि बी.जे.पी की हिमायत कर दी है यह सब झूठ है यह मोलवी झूठ बोल रहे हैं, टोटल झूठ बोल रहे हैं और बहुत बेशर्मी से झूठ बोल रहे हैं, अल्लाह इनकी इस्लाह फऱमाये यही मेरी दुआ है और क़ौम की हमददी में यह कभी कभी मैदान में निकल भी आयें अल्लाह इनको इतनी हिम्मत दे कि मैदान में निकल कर क़ौम का साथ दें तहरीकों में साथ हों, बैठ बैठ कर ख़ाली तनक़ीद न करें जोकि घरों में बैठकर तनक़ीद करना बहुत आसान है और मैदाने अमल में घरों से बाहर आना बहुत मुश्किल, लेहाज़ा इनकी तनक़ीद बिल्कुल बेअमली की बुनियाद पर है, इन्हें सिफऱ् तनक़ीद करना ही आता है मैदाने अमल में यह बिल्कुल ज़ीरो हैं यह मुम्बई के सरमायादारों के साथ हैं जबकि सिस्तानी साहब का फ़त्वा है कि वक्फ़़ की ज़मीन बिक नहीं सकती और जिसने वक्फ़़ की ज़मीने बेची हैं यह उसी की ख़ुशमत में लगे रहते हैं, यह बिल्कुल नकारा लोग हैं इसलिये क़ौम से ग़ुज़ारिश है कि इनकी किसी बात पर ध्यान न दें, यह देखें कि क़ौम का फ ़ायदा किस चीज़ में है और अगर हमनें कभी कोई ज़ाती फ़ायदा उठाया हो तो उसकी निशानदेही करें कि हमने यह ज़ाती फ़ायदा उठा लिया है पांच पांच साल हुकूमतें रहीं एक ज़ाती हल्का सा भी कभी कोई फ ़ायदा उठाया हो तो कोई बताये हमने सिफऱ् और सिफऱ् क़ौम के फ़ायदे के लिये लाठियां खायीं 15 बार जेल गये इन मोलवियों से कोई पूछे कभी कोई मोलवी जेल गया इसके अलावा देहली में तकऱीबन दो दिन हवालात में भूखा प्यासा रखा गया और छोटे छोट बच्चों और औरतों के साथ ज़्यादती हुई लेकिन कोई इनसे पूछे कोई भी मोलवी किसी का भी हाल जानने नहीं आया। यह सब बेअमल और नकारा मोलवी हुल्लड़ मचा रहे हैं और क़ौम को धोखा दे रहे हैं। हमारी इनके लिये दुआ है कि अल्लाह इनकी इस्लाह करे और यह मैदाने अमल में आयें और बजाये अपने नफ़े के लिये क़ौम के नफ़े के लिये काम करें। यह हमें बाते सुना रहे हैं हम इनके लिये दुआ कर रहे हैं।


Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here