प्रसव के लिए 2500 मांगने की शिकायत के बावजूद सीएमओ ने नहीं किया कोई कारवाई

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रफीक (अवधनाम सहजनवां)
सीएम के शहर में भ्रष्टाचार
प्रसव के लिए 2500 मांगने की शिकायत के बावजूद सीएमओ ने नहीं किया कोई कारवाई
सीएमओ ने किया सहजनवां और ठर्रापार सीएचसी का दौरा
गोरखपुर। शनिवार को सहजनवां सीएचसी पर औचक निरीक्षण करने आए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रवींद्र कुमार कमियां देख कर भड़क गए। प्रभारी अधीक्षक डा. केपी सिंह को जहां जमकर फटकार लगाई, वही अनुपस्थित मिलने पर डा. शर्मिला अग्रवाल का वेतन रोक दिया। इसके अलावा ठर्रापार सीएचसी के निरीक्षण में भी खामियां मिलने पर अधीक्षक को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह का समय दे दिया। 
 मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रवींद्र कुमार शनिवार को करीब दिन में दस बजे के आस-पास अचानक सहजनवां सीएचसी पर पहुंच कर सबसे पहले मरीजों के लिए बनाई जा रही पर्ची काउंटर को को देखा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में जाकर उपस्थिति रजिस्टर को गहनता से देखने के बाद एक-एक कर्मचारियों को सामने बुलाकर देखा। जननी सुरक्षा योजना के रजिस्टर में पाया गया है कि अप्रैल से अब तक 12 लोगों को पैसा दिया ही नहीं गया। सीएमओ ने जिम्मेदार कर्मचारी को चेतावनी देते हुए सुधार लाने को कहा। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान सीएमओ को जगह-जगह कमियां दिखी तो प्रभारी अधीक्षक से सवाल भी किए। ऊषा पत्नी बाबूराम निवासी सिंहोरियां ने आरोप लगाया कि प्रसव के नाम पर 2500 रुपया लिया गया है, जिस पर सीएमओ ने जांच के आदेश दिए। इसके अलावा बाहर से कुछ मरीज सामान खरीद कर लाए थे, जिसे देखने के बाद उन्होंने नाराजगी जाहिर किया। अस्पताल परिसर में कमियों को तत्काल दूर करने की हिदायत दिया। हालाकिं 2500 रुपये मांगने की बात सुन कर भी सीएमओ ने कोई कार्यवाही नहीं किया।
 
इसके बाद वह ठर्रापार सीएचसी पर गए। जहाँ गंदगी होने पर अधीक्षक डा. सीपी मिश्रा को लताड़ लगाई। कुल मिलाकर सीएमओ के दौरे में केवल खानापूर्ति ही नज़र आयी।
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