इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ की सज़ा को निलंबित कर दिया है. साथ ही उनके दामाद रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद सफदर की भी सजा सस्पेंड कर दी गई है. जिसके बाद नवाज़ शरीफ और उनकी बेटी को जेल से रिहा कर दिया गया है.
पाकिस्तान की सियासी गलियारो मे अब यह सवाल है कि शरीफ की जेल से तो रिहाई हो गई, लेकिन क्या राजनीति में वापसी के लिए कोई उम्मीद उनके पास बची है.
आपको बता दें कि पनामा पेपर्स (आय से अधिक संपत्ति रखने) मामले में उनकी जेल की सज़ा सुनाई गयी थी जिसको इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सस्पेंड कर दिया है.
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में शरीफ को 10 साल की सज़ा सुनाई गई गई थी और जुलाई में जब बेटी मरियम शरीफ और दामाद के साथ नवाज वतन लौटे तो उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया. इस वक्त भी उनके ऊपर 10 साल तक चुनाव लड़ने को लेकर बैन लगा हुआ है.
माना जा रहा है कि ज़मानत पर रिहा हुए शरीफ अब इस फैसले को भी चुनौती देंगे और फिर से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की कोशिश करेंगे. हालांकि, कानूनी झमेलों के साथ पार्टी और संगठन को लेकर भी उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं.