JOIN US-9918956492————-
कृष्णलीला में सुदामा और रामलीला में छाए भरत
कमजोर से दोस्ती केवल प्रभु करते हैं,
खड़ायू लेकर अयोध्या लौटे भरत
लखनऊ। राजधानी के बरहा, आलमबाग क्षेत्र में चल रहे 62 वें रामोत्सव के सातवें दिन हजारों की संख्या में भक्तजनों ने प्रभु श्रीकृष्ण तथा श्रीराम की मनमोहक झांकियों के दर्शन प्राप्त किए। बरहा रेलवे कालोनी के रामलीला मैदान में श्री त्रिलोकेश्वरनाथ मंदिर एवं रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीकृष्ण लीला और रामलीला में लोग भक्तिरस से पूर्ण मंचन देखने के साथ साथ झूलों और चटपटी चाट का भी आनंद उठा रहे है।
बुधवार दोपहर को कृष्णलीला के छठवें दिन सुदामा चरित्र के प्रथम भाग का मंचन किया गया। अत्यंत निर्धन ब्राह्मण सुदामा अवन्ती शहर में स्थित महर्षि संदीपन के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं जहां उनकी भेंट श्रीकृष्ण से होती है। गुरूकल के सुंदर दृश्यों का मंचन करते हुए मथुरा से आए आदर्श रामलीला एवं रासलीला मंडल ने मूसलाधार बारिश का सजीव चित्रण किया जिसमें सुदामा एक पेड़ पर बैठ कर गुरू मां के दिए हुए चने खा रहे हैं और कृष्ण द्वारा चने मांगने पर सुदामा ठंड में दांत किटकिटाने की बात करते हैं और चने देने से मना कर देते हैं। सर्वव्यापी भगवान मित्र सुदामा की बात को समझ जाते हैं और मुस्कराते हुए वंशी बजाते। विद्या अध्ययन के बाद छात्र गुरूकुल से विदा होते है। मंचन में रासलीला मंडल द्वारा यह चित्रित किया गया कि कमजोर और निर्धन से मित्रता केवल भगवान के लिए ही सम्भव है।
समिति के अध्यक्ष रमेश लोधी ने बताया कि गुरुवार को दोपहर में कृष्णलीला में सुदामा चरित्र का भाग दो मंचित किया जाएगा जिसमें सुदामा द्वारिका पहुंचेंगे।
रात्री को रामलीला के सातवें दिन अयोध्या से भरत, राम -लखन और सीता को मनाने आते हैं। तीनों भाई रोते हुए आपस में वार्तालाप करते हैं। भरत बड़े भाई राम को मनाने का भरसक प्रयास करते है परन्तु राम नहीं मानते हैं। अंत में भरत रोते हुए राम की खड़ायू लेकर अयोध्या प्रस्थान करते हैं। राम-भरत के सम्वाद को व्यास सूरज प्रसाद ने चौपाईयों और गीत संगीत द्वारा इतने मार्मिक रूप से मंचित किया कि दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए। इसके बाद सीता हरण का मंचन किया गया। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रंजीव ठाकुर ने बताया कि रविवार को मंदिर प्रांगण में हुई चित्रकला प्रतियोगिता की प्रविष्टियां निर्णायक मंडल के पास भेज दी गई है जिनमें प्रख्यात शिक्षाविद् अजय दुबे, वरिष्ठ शिक्षक विजय कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार समरेशपति त्रिपाठी शामिल हैं। प्रतियोगिता के परिणाम 13 अक्टूबर रात्री को रामलीला में घोषित किए जाएंगे और द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कारों का वितरण रामलीला के अंतिम दिन 14 अक्टूबर को किया जाएगा और प्रथम स्थान पर रहे प्रतिभागियों को विशाल दशहरा मेला के दौरान 15 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि ये चित्रकला प्रतियोगिता कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के मध्य चार श्रेणियों में आयोजित की गई थी।
https://www.youtube.com/watch?v=Ai63RihKTIE&t=2s