पान सिंह तोमर और पीपली लाइव जैसी फिल्मों में दिखे एक्टर सीताराम पंचाल का गुरुवार सुबह 8:30 बजे निधन हो गया. वह पिछले चार साल से किडनी और लंग कैंसर से जूझे रहे थे. इस दौरान उनका वजन घटकर 30 किलो रह गया था.
सीताराम पंचाल ने स्लमडॉग मिलेनियर, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जॉली एलएलबी, सारे जहां से महंगा, हल्ला बोल, बैंडिट क्वीन जैसी फिल्में भी की हैं. लेकिन अंतिम दिनों में वह आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. इस वजह से उन्होंने महंगा इलाज छोड़कर आयुर्वेद से अपना उपचार करने की कोशिश की थी.
दोस्त कर रहे थे मदद
कुछ समय पहले उनकी मदद के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी वायरल हुई थी. जिसमें लिखा था- भाइयों मेरी मदद करो. कैंसर से मेरी हालत खराब होती जा रही है. आपका कलाकार भाई सीताराम पंचाल.
पिछले साढ़े तीन सालों से बॉलीवुड के उनके कुछ दोस्त उन्हें मदद कर रहे थे. इनमें इरफान खान, पाचांल के एनएसडी बैचमेट संजय मिश्रा, रोहिताश गौड़, टीवी प्रोड्यूसर (एक घऱ बनाऊंगा) राकेश पासवान आदि शामिल हैं.ट्विटर पर फिल्म डायरेक्टर अश्विनी चौधरी जैसे कई लोग उनके सपोर्ट में आगे आए हैं.
नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म से जुड़े हैं
बता दें कि पांचाल ने अश्विनी की डेब्यू हरियाणवी फिल्म लाडो में काम किया था जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला था. सीताराम पांचाल का जन्म हरियाणा के कैथल जिले के डूंडर हेड़ी गांव में 1963 में हुआ था. उन्होंने हरियाणवी फिल्म लाडो के अलावा छन्नो में भी काम किया.
स्कूल से ही पसंद था अभिनय
पांचाल को स्कूल के दिनों से ही अभिनय पसंद था. ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उनका सिलेक्शन हो गया था. उसके बाद से वे हिंदी फिल्मों में अलग अलग चरित्र भूमिकाओं में दिखते रहे हैं.पांचाल अपने घर में अकेले कमाने वाले थे. उनका 19 साल का एक बेटा है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है.
https://www.youtube.com/watch?v=z128H3xSUCk&t=1s
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