हजरतगंज में विधानसभा के सामने स्थिति हज हाउस समिति में तीन दिनों से पेंटिंग का काम जारी है। अभी तक अंदर की दीवारों को रंगा जा रहा था लेकिन शुक्रवार को बाहरी दीवारों को भगवा रंग से रंगा गया है।जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड की तरफ से हज हाउस समिति में भगवा पेंट कराया गया है। इससे पहले हज हाउस समिति की दीवारों पर सफेद और हरा रंग था। इमारतों का गेरुआ रंग से पेंट होने का सिलसिला सिर्फ राजधानी लखनऊ नहीं बल्कि यूपी के अन्य इलाकों में देखने को मिल रहा है। इससे पहले दिसंबर महीने में पीलीभीत के 100 से भी ज्यादा प्राथमिक विद्यालय भगवा रंग में रंग दिए गए थे। लखनऊ से शास्त्री भवन में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहले सफेद रंग से पेंट था। इसके बाद कई सरकारी इमारतों को गेरुआ रंग में रंगा जा रहा है।
सरकार मजहबी जज्बातों को कुदेरने में जुटी-उलेमा
हज हाउस की दीवारों को भगवा रंग में रंगने पर विपक्षी दलों समेत कई मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया है। उलेमा का कहना है- “सरकार मजहबी जज्बातों को कुदेरने में जुटी है।”
उत्तर प्रदेश की राजनीति में रंग की यह परंपरा नई नहीं
उत्तर प्रदेश की राजनीति में रंग की यह परंपरा नई नहीं है। इससे पहले 1995 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की हर जनसभा में लगाये गये पांडाल का रंग नीला होता था। उनके सरकारी प्रकाशन यहां तक की सूचना विभाग की डायरी का रंग भी नीला था।
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