रशियन एसोसिएशन एलुमनाई मीट का हुआ आयोजनवर्षो के बाद एक दूसरे को देखकर चेहरे खिल गए
लखनऊ।अपने विद्यार्थियो को वर्षो तक याद रखना बहुत कम शिक्षक ही कर पाते है।उन्ही लोगो में से एक है प्रोफेसर साबिरा हबीब।
लखनऊ यूनिवर्सिटी में रसियन भाषा की प्रोफेसर रही डाक्टर साबिरा हबीब जी ने अपने घर पर रसियन एसोसिएशन की अलुमिनाइ मीट का आयोजन किया जिसमे उनके द्वारा पढ़ाए गए विद्यार्थियो ने भाग लिया।इतने वर्षो के बाद जब मौका मिला एक दूसरे से मिलने का तो सभी पहुँच गए कार्यक्रम में हिस्सा लेने।
कार्यक्रम की सुरुआत प्रोफेसर साबिरा हबीब ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कुछ प्रेरक पंक्तिया सुनाकर की उसके बाद कार्यक्रम में मौजूद सदस्यों ने एक से बढ़कर एक शायरी,गीत तथा किस्से सुनाए।जिसे सुनकर सभी के मन में पुराने दिन याद आने लगे।आयोजन में चार चांद तब लग गए जब मौके पर आईएएस अधिकारी तथा मशहूर गायक लेखक डॉक्टर हरिओम जी अपनी पत्नी सहित एलुमिनाई मीट में शामिल हुए। मोहम्मद तारिक जी ने अब्बास ताबिश का शेर सुनाया और अपनी कविताओं से समा बांध दिया डॉक्टर अनूप आनंद जो वर्तमान समय में लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर भी हैं उन्होंने डॉक्टर साबरा हबीब जी के साथ रशियन गीत गाए। रशियन गीत सभी को इतना पसंद आया की दुबारा उसी गीत की फरमाइश की गई है।प्रोफेसर साबरा हबीब मैम ने रशियन गीत गाने के बाद बताया कि जिस प्रकार अवध की शाम के गीत प्रसिद्ध है उसी तरह जो गीत उन्होंने गाया वह भी मास्को की शान कहा जाता है। आईएएस अधिकारी तथा लेखक डॉक्टर हरिओम जी की पत्नी मालविका जी ने एक से बढ़कर एक गजल सुनाकर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को भाव विभोर कर दिया।
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इसके बाद सभी लोगों को बार-बार आग्रह करने पर डॉक्टर हरिओम जी ने अपना प्रसिद्ध गीत मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं गाया। यह गीत सुनने के बाद कार्यक्रम में मौजूद मेहमानों ने एक बार फिर से डॉक्टर हरिओम जी की पत्नी से आग्रह किया कि वह फिर से गीत सुनाए उन्होंने, ना तुम हमें जानते हो ना हम तुम्हें जानते हैं सुनाया।
डॉ हरीओम जी के अनुसार इस प्रकार के आयोजन होते रहना चाहिए इसी बहाने पुराने मित्रो से मिलने का मौक़ा मिल जाता है।कार्यक्रम में विपिन पाण्डे जी,प्रदीप कपूर(पत्रकार),विजय जी,रश्मि श्रीवास्तव(प्रशासन डीपीएस गोमतीनगर एक्सटेंशन),प्रोफेसर शीला मिश्रा,मोहम्मद रेहान,रतनदीप दीक्षित(अनुभाग अधिकारी उत्तर प्रदेश सचिवालय),अब्दुल हन्नान(पूर्व एमएलसी)मुकुल राकेश शालिनी शालिनी श्रीवास्तव,डाक्टर अनूप आनंद(प्रोफेसर लखनऊ यूनिवर्सिटी)
आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।