सय्यद काज़िम रज़ा शकील
लखनऊ। मुकद्दस हज का मौका आते ही सब्सिडी को लेकर बयान बाज़ी शुरू हो जाती है। आरोप लगाये जाते हैं कि सरकारी कोटे से हज पर जाने वालों को सब्सिडी मिलती है। यह बात सही है कि सरकारी कोटे से हज यात्रा का खर्च प्राइवेट टूर ऑपरेटर के खर्च से कम होता है, लेकिन गौर किया जाए तो हज सब्सिडी मात्र एक छलावा है और कुछ नहीं। हज सब्सिडी एक बहाना है, जिसके जरिये घाटे में चलने वाली सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया को फायदा पहुंचाया जाता है। हज कमेटी आफ इंडिया की ओर से प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक हज यात्री सऊदी अरब रवाना होते हैं। इस वर्ष इस संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हज कमेटी आफ इंडिया हज यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए एयरलाइंस का ग्लोबल टेंडर कराए तो देश के गरीब हज यात्रियों को काफी कम रकम में हज यात्रा नसीब होगी और हज सब्सिडी का ढोल पीटने वालों को आईना दिख जाएगा।
सब्सिडी के नाम पर कहा जाता है कि हज यात्रियों को जहाज़ के किराये में लगभग 25000 रूपए की सब्सिडी मिलती है। हज की कुर्रांदाजी होने के बाद एक बार फिर से हज सब्सिडी को लेकर राजनीति गर्मा गई है। हालांकि हज सब्सिडी को लेकर उच्चतम न्यायालय पूर्व में आदेश दे चुका है, जिसके तहत प्रतिवर्ष हज सब्सिडी में कटौती की जा रही है। बात जब हज सब्सिडी को लेकर हो रही है तो अंतर्राष्टï्रीय यात्रा के हवाई किराये की बात होना जरूरी है। यात्रा जब पूर्व निर्धारित है और महीनों पहले कार्यक्रम बनाया जाने के बाद कराये गये अग्रिम हवाई टिकट का किराया काफी कम होता है। हज कमेटी आफ इंडिया के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस वर्ष हज यात्रियों की उड़ान 25 जुलाई से आरम्भ होगा और हज की संभावित तिथि 31 अगस्त 2017 है। हज कमेटी के जरिए हज यात्रा के लिए चयनित यात्रियों को ले जाने के लिए एयरलाइंस का निर्धारण मार्च में कर लिया जाएगा और टिकटों की बुकिंग के बाद एयरलाइंस का शेड्यूल जून माह तक हज कमेटी को प्राप्त हो जाएगा। मार्च में हज यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए एयरलाइंस के निर्धारण के बाद हज यात्रियों को सऊदी अरब जाने में लगभग 4 महीने का समय शेष रह जाता है। ऐसे में सवा लाख हज यात्रियों को ले जाने के लिए अगर एयलाइंस का ग्लोबल टेंडर कराया जाए तो जिस कम्पनी को एक साथ इतनी बड़ी संख्या में यात्री मिलेंगे वह किराये में भारी छूट देगी, जिससे देश के गरीब हज यात्रियों को बिना सब्सिडी ही सस्ती हज यात्रा का फायदा होगा। ऐसा न कर हुकूमत एयर इंडिया को ठेका दे देती है एयर इंडिया दूसरी एयरलाइन्स से कांटेक्ट कर सस्ती दर पर किराया तै करती है अगर यही सीधे तौर से ग्लोबल टेंडर के द्वारा एयरलाइन्स से किराये का ठेका आमंत्रित किया जाये तो सरकार को हज सब्सिडी देने की ज़रुरत नही पड़ेगी और मुसलमान भी सब्सिडी के आरोपों से बचा रहेगा।
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आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरँगी महली ने बताया की मैं लगभग 10 वर्षों से सबसिडी ख़त्म कररहा हूँ हज अपनी कमाई से होता है अगर हुकूमत कुछ करना ही चाहती है तो ग्लोबल टेंडर करा ले जब आम दिनों में बल्क में टिकट कराने में मुफ्त टिकट मिलते हैं तो इतनीआबादी तादाद में टिकट लेने पर और छूट मिलेगी हज की तारीखें तै हैं कुछ दिन का फ़र्क़ होता है पहले से ही ग्लोबल टेंडर के ज़रिये टिकट होने चाहिए ताकि टिकट की कीमत कम हो और सब्सिडी का एहसान भी न हो।
शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि सब्सिडी के नाम पर मुसलमानों को बेवकूफ बनाया जा रहा है किराये में कैसी सब्सिडी जब ग्लोबल टेंडर के ज़रिये काम कीमत पर टिकट के मौके मौजूद हैं तो एयर इंडिया के ज़रिये सब्सिडी की बात बेकार है उनहोंने कहा कि जब टेंडर होंगे तो अच्छी सुविधाएँ कम कीमत पर मिलेंगी जिनसे हाजियों को और सरकार दोनों को फायदा होगा।
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