शक्ति भवन: डाॅ0 अम्बेडकर की 127वीं जयन्ती मनाई

0
183
शक्ति भवन: डाॅ0 अम्बेडकर की 127वीं जयन्ती मनाई
‘समग्र उत्थान के लिए बाबा साहब के आदर्श अपनाएं’
लखनऊ, शक्ति भवन कार्मिकों ने डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर की 127वीं जयन्ती पर मुख्यालय कैण्टीन में सम्मेलन कर संविधान निर्माता को याद किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 बी0पी0 अशोक, अपर पुलिस अधीक्षक, लखनऊ ने डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अपित करने के पश्चात् अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान ने हमें अधिकार के साथ-साथ कुछ कर्तव्य भी दिए हैं, हमें संविधान में दी गयी शिक्षाओं पर विचार करना चाहिए, बाबा साहब के विचारों को अपने आचरण में अपनाने की आवश्यकता है.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा विभाग द्वारा ग्राम स्वराज योजना अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल गांव में सौभाग्य योजना अन्तर्गत विशेष विद्युत शिविर लगाकर मुफ्त संयोजन देकर उनके घरों को रोशन कर आमजन तक बिजली पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है। सांसद साध्वी सावित्री बाई फुले ने कहा कि बाबा साहब का संविधान अगर पूरी तरह से लागू कर दिया जाए तो पूरे भारत से गरीबी ख़त्म हो जाएगी।  साथ ही माननीय सांसद महोदय ने बताया कि अगर संविधान नहीं होता संविधान में आरक्षण नहीं होता और बहराइच की लोकसभा सीट आरक्षित नहीं होती है तो वह भी सांसद नहीं होती
समिति के संयोजक श्रीचन्द ने कुशल संचालन करते हुए कहा डाॅ0 अम्बेडकर के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा वह एक युगद्रष्टा एवं दूरदृष्टि के व्यक्तित्व थे, कई विषयों के तर्कवाद थे, वह अर्थशास्त्र व कानून के साथ-साथ देश के रचनात्मक कार्य के लिए तत्पर रहते थे। वह समाज में समरसता लाकर लोगों को एकसूत्र में बांधना उनका लक्ष्य था वह समानता पर विशेष बल देते थे। सबसे बड़े संविधान की बदौलत देश का शोषित व पीड़ित तबका मजबूत हुआ है।
मुख्यालय के तीरथ राम ने कहा कि बाबा साहब ने जीवनपर्यन्त छुआछूत का विरोध किया, उन्होंने समाज के उत्थान के लिए सराहनीय कार्य किए। वह कहते थे कि आप स्वयं को अस्पृश्य न मानें, अपना घर व आस-पास वातावरण में स्वच्छता रखें और घिनौने रीतिरिवाज को छोड़ देना चाहिए।
सुनील प्रकाश पाल ने कहा कि सामाजिक समता, सामाजिक न्याय, सामाजिक अभिसरण जैसे समाज परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डाॅ0 अम्बेडकर का नाम अग्रणीय है। एकात्मक समाज निर्माण, समाजिक समस्याओं, अश्पृष्यता जैसे सामाजिक मसले पर उनका मन संवेदनशील एवं व्यापक था। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ऊंच-नीच, भेदभाव, छुआछूत के उन्मूलन के कार्यों के लिए समर्पित कर दिया।
आर0एस0 राय ने कहा  कि उन्होंने बचपन से संघर्ष भरा जीवन बिताया विद्यालय से लेकर नौकरी करने तक उनके साथ भेदभाव किया गया जिससे उन्हें ठेस लगी और उन्होंने छुआछूत के समूल नाश का प्रण लिया, उन्होंने सभी को समान अधिकार दिलाए और भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। ऊषा बौद्ध ने कहा अम्बेडकर जी के अविश्वसनीय कार्यों के कारण ही उन्हें याद किया जाता है देश उनका ऋणी है उन्हें देश ही नहीं विदेशों में भी पूजा जाता है।
आयोजनकर्ता वीरेन्द्र कैम एवं मीडिया प्रभारी राजेन्द्र विक्रम ने बताया कि शक्ति भवन में यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है ताकि डाॅ0 अम्बेडकर के बताए गए रास्ते पर चलकर विभाग में एकजुटता तथा बिना सामाजिक भेदभाव के विभाग को शिखर पर पहुंचाया जा सके। कार्यक्रम में भानु प्रताप सिंह, आशीष भारती, राजेश गौतम, सुनील कुमार, गुरदीप सिंह राना, योगेन्द्र कुमार, राज किशोर, सत्यम् शंखवार, संदीप कुमार, मनोज, प्रणय, सतीश कुमार, सर्वजीत, दिशान्त सोनकर, विनय, अशोक कुमार इत्यादि ने अपने-अपने विचार रखे।
———————————————————————————————————————
अगर आप भी चाहते है अपने मोबाइल पर खबर तो तुरंत इस 9918956492 नंबर को अपने फ़ोन में अवधनामा के नाम से सेव करे और हमे व्हाट्सप्प कर अपना नाम और जिला बताये और पाए अपने फोन पर लेटेस्ट खबरे 
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here