बार के विद्वान् अधिवक्ता अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष उपस्थित होने को तैयार: विजय कुमार पाण्डेय

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA……..
बार के विद्वान् अधिवक्ता अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष उपस्थित होने को तैयार: विजय कुमार पाण्डेय

आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल बार एसोसिशन के सम्मानित सदस्यों की अनौपचारिक बैठक बार-रूम में आहूत की गई जिसमें “डिजिटलाइजेशन”, “पेपरलेस-मुकदमों का दाखिला” “विधि-आयोग रिपोर्ट” और “श्री कुलभूषण जाधव मामले” में अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने जैसे; अनेक विषयों पर हुई चर्चा पर बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि हमारी बार ने तकनीक के साथ सामंजस्य बनाने और उसे अपनाने में अग्रणी भूमिका निभायी जिसे माननीय उच्चतम-न्यायालय ने भी अपनाया जिसे बार के कदम को सही दिशा में मानने जैसा है, इससे इस बात को बल मिलता है कि यह व्यवस्था “पर्यावरण-मित्र” और “कागजी-व्यवस्था” के दुष्परिणामों से मुवक्किल, अधिवक्त और न्यायालय को निजात दिलाने वाला है, भविष्य में हमारा प्रयास होगा कि इसे सरल, सहज और व्यवस्था के अनुकूल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिससे यह एक उत्तम विकल्प के रूप में सामने आ सके और लोगों के मष्तिस्क से इसकी दुरुहता के भय को दूर किया जा सके। महामंत्री विजय कुमार पांडेय ने कहा कि सेवानिवृत नौ-सेना अधिकारी श्री कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा “बिना वकील, बिना दलील” सजाएं-मौत का हुक्म सुनाए जाने के मामले में हमारी बार द्वारा जबरदस्त विरोध और राष्ट्रपति के माध्यम से अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर किया था और सभी बारों से अपील भी की गई थी वे भी ऐसा करें और आज उसका असर यह पड़ा की अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग वाशिंगटन डी सी ने फांसी की सजा दिए जाने पर रोक लगा दी; इसे बार की मुहिम की जीत पर महर लगाने जैसा मामला है हम इस निर्णय का स्वागत करते है और, आगे श्री कुलभूषण जाधव की सकुशल वापसी के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और भारत सरकार को पत्र लिखकर मजबूती से भारत बापस लाने का आग्रह भी करेंगे यदि सरकार आवश्यकता महसूस करती है तो हमारी बार के कई वरिष्ठ विद्वान् अधिवक्ता श्री कुलभूषण जाधव का पक्ष रखने आयोग के समक्ष उपस्थित होने को तैयार हैं क्योंकि मामला देश की आस्था एवं अस्मिता का है जिसके साथ हम किसी भी तरह का समझौता करने को नहीं तैयार हैं; विधि आयोग की रिपोर्ट पर विधि एवं कानून मंत्री का नरम रुख हमारी बड़ी जीत है क्योंकि अधिवक्ता को साथ लेकर ही निर्णय होगा.

महामंत्री ने निर्णयों को भारतीय जनभावना एवं अधिवक्ताओं के अनुकूल बताया, के संयुक्त सचिव पी. के.शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बार के निर्णय को स्वीकार करके साबित किया कि हम समय और तकनीक के साथ अनुकूलन स्थापित करने में कितने आगे है और भविष्य में हम निरंतर तकनीक के साथ व्यवस्था का सामंजस्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व महामंत्री डी एस तिवारी ने कहा कि कुलभूषण जाधव के मामले में बार की मुहिम को अप्रत्याशित सफलता प्राप्त हुई है और जनरल सेक्रेटरी  ने जिस तरह से तमाम विषयों को सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाया उसकी जितनी तारीफ की जाय कम है और भविष्य में जो भी कदम उठाएंगे हम इनके साथ हैं। पूर्व कोषाध्यक्ष आर चंद्रा ने निर्णयों की सराहना की, रोहित कुमार ने सही दिशा में लिया गया निर्णय बताया, शैलेंद्र कुमार सिंह ने निर्णयों की स्वीकार्यता बताया, कार्यकारी सदस्य पारिजात बेलोरा ने सर्वोत्तम की स्वीकार्यता कहा, पूर्व सचिव डी के पाण्डेय ने इसे प्रभावशाली प्रयास का प्रभाव बताया, मीटिंग में भानु प्रताप सिंह, विशाल भटनागर, अनुराग मिश्रा, पारिजात बेलोरा, कर्नल अशोक कुमार, वी.पी.पाण्डेय, के.के.सिंह बिस्ट, यशपाल सिंह, कर्नल राकेश जौहरी (युवा विंग के अध्यक्ष), कर्नल वाई.आर.शर्मा (संरक्षक मंडल के अध्यक्ष), कर्नल आर.एन सिंह, डा.आशीष अस्थाना, वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा, आलोक माथुर, मुकुंद तिवारी, निशांत वर्मा, वीर राघव चौबे, राजीव पाण्डेय, रोहित सिंह, राजीव सिंह, आर.के.सिंह, संदीप शर्मा एवं एस.बी. सिंह मौजूद थे.

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