आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर तथा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर के खिलाफ 11 जुलाई 2015 को थाना गोमतीनगर, लखनऊ में गाजियाबाद की एक महिला द्वारा लिखवाया गया बलात्कार का मुक़दमा पुलिस की तफ्तीश में झूठा पाया गया है. यह बात आज इस मामले के विवेचक सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने बताया.
विवेचक ने कहा कि मुकदमे की विवेचना पूरी कर ली गयी है और इसमें अमिताभ और नूतन के खिलाफ किसी प्रकार के साक्ष्य नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल्स, कथित पीड़िता के बयान और अन्य साक्ष्यों से यह प्रमाणित हो गया कि मुक़दमा गलत था और मामले में दो दिन में अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी जायेगी.
इस पर जस्टिस अजय लाम्बा और जस्टिस डॉ विजय लक्ष्मी की बेंच ने अमिताभ द्वारा इस मामले की सीबीआई जाँच हेतु दायर याचिका को निस्तारित कर दिया.
ज्ञातव्य हो कि 11 जुलाई 2015 को मुलायम सिंह द्वारा अमिताभ को फोन से धमकी देने की शिकायत देने के ठीक बाद उसी रात बलात्कार का यह मुक़दमा दर्ज हुआ था जो अभी तक लंबित था.