नीतीश कुमार 6ठी बार बने बिहार के मुख्यमंत्री

0
219
देखे पूरी खबर—————— 

पटना। बुधवार रात भर चले सियासी ड्रामे के बाद नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है।राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही नीतीश कुमार 6ठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उनके अलावा भाजपा नेता सुशील मोदी ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के साथ ही राज्य में एक बार फिर से भाजपा-जदयू की सरकार काबिज हो गई है।

शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार और सुशील मोदी को बधाई दी है। पीएम ने लिखा है कि नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी को बधाई, बिहार के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर काम करें।

इससे पहले नीतीश कुमार ने बुधवार रात बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देते हुए राजनीतिक भूचाल पैदा कर दिया। उनके इस्तीफे के कुछ ही घंटों में राज्य के अंदर नई सरकार बनाने की कवायदें पूरी हो गईं। इसके कहा जा रहा है कि नीतीश के मंत्री मंडल में दोनों ही दलों के 13-13 मंत्री होंगे और सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बनेंगे। सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार शनिवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे।

बिहार विधानसभा में आज की दलगत स्थिति

कुल : 243

जदयू :71

राजद : 80

भाजपा :53

कांग्रेस :27

लोजपा :02

रालोसपा : 02

हम : 01

भाकपा (माले): 03

निर्दलीय : 04

जदयू और भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 132 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है और इस लिहाज से यह गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार कर चुका है।

बुधवार को बदल गई बिहार की राजनीति

बिहार में लालू कुनबे पर भ्रष्टाचार के आरोपों और सीबीआई-ईडी के जांच ने राज्य में सरकार को कमजोर करने का काम किया। 7 जुलाई से शुरू हुआ यह घटनाक्रम 26 जुलाई की रात नीतीश के इस्तीफे पर आकर खत्म हुआ और इसी के साथ राज्य में महागठबंधन टूट गया। जहां इसके पीछे भ्रष्टाचार एक बड़ा कारण था वहीं लालू यादव का पुत्र मोह भी इस सरकार के लिए नुकसानदायक साबित हुआ।

7 जुलाई को लालू प्रसाद के घर पर सीबीआई का छापा पड़ा था। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी आरोपी बनाए गए। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का झंडा उठाए नीतीश ने तेजस्वी से कहा कि जनता में सफाई दें। लालू प्रसाद और तेजस्वी जिद पर अड़े थे।

बार-बार कहा कि इस्तीफा नहीं देंगे। बुधवार को नीतीश कुमार ने फैसला किया कि अब ऐसा नहीं चल सकता। जदयू विधायकों की बैठक बुलाई गई। फिर शाम सवा छह बजे नीतीश कुमार अकेले ही राजभवन पहुंचे। प्रभारी राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी एक दिन पहले ही पटना पहुंचे थे।

नीतीश ने उनको इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मंजूर भी कर लिया गया। बाहर निकले नीतीश ने कहा कि मैं सब चीजों को झेलता रहा, लेकिन अब संभव नहीं था।

भाजपा के समर्थन का हुआ एलान

नई दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्य में नीतीश के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया गया।

पार्टी का मानना था कि बिहार को अस्थिर करना देश के हित में नहीं है। इस बैठक में प्रधानमंत्री भी मौजूद थे। इधर पटना में देर शाम आठ बजे के बाद भाजपा ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को नीतीश कुमार को समर्थन देने का पत्र सौंप दिया।

उसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा और जदयू विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश को नया नेता भी चुन लिया गया। इस बैठक में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के विधायक भी शामिल हुए।

नीतीश पर तो हत्या का आरोप : लालू

महागठबंधन के दुखद अंत से परेशान लालू प्रसाद ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कहा कि तेजस्वी के खिलाफ तो केवल भ्रष्टाचार का आरोप है, लेकिन नीतीश कुमार पर तो हत्या का आरोप है। यहां पुत्रमोह की बात नहीं है, बल्कि यह लड़ाई सिद्धांतों की है। भाजपा के साथ जाने के लिए नीतीश ने इस्तीफे का नाटक किया। भाजपा साजिश कर रही थी। कामयाब रही।

https://www.youtube.com/watch?v=j3zpe5yTHd4&t=3s

 


हमसे जुड़ने के लिए सम्पर्क करे 9918956492 

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here