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तम्बाकू राष्ट्रीय विकास में बाधा पैदा करता है : डॉ० अनन्तशील चौधरी
देश में 50 प्रतिशत पुरूष और 27 प्रतिशत महिलाएं कैंसर की शिकार है
लखनऊ । विश्व तम्बाकू निषेध दिवस प्रतिवर्ष 31 मई को मनाया जाता है । पहली बार ये दिन 15 सन् 1987 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाया गया था । पहले ये जागरुकता दिवस विश्व धूम्रपान दिवस के रूप में मनाया जाता था जो बाद में बदल कर 1988 में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।
मंगलवार को तम्बाकू निषेध दिवस की पूर्वसंध्या पर राजधानी के प्रेस क्लब में छाती रोग विशेषज्ञ डॉ० अनन्तशील चौधरी ने तम्बाकू को राष्ट्रीय विकास में बाधा पैदा करने वाला बतातें हुए तम्बाकू के सेवन से होने वाली बिमारियों के सम्बंध में बताया । उन्होनें कहा कि तम्बाकू का सेवन और खेती दोनों से देश दुनिया को भीषण नुकसान हो रहा है । तम्बाकू बेचने के फायदे को लोग देख रहे है पर ये खेती जमीन का नुकसान कर रही है । तम्बाकू के सेवन से हर दस में से एक व्यक्ति की मौत होती है । तम्बाकू में निकोटीन, कोलतार, आर्सेनिक तथा कार्बन मोनो अॉक्साइड गैस समाहित होती है जो मानव रक्त को बुरी तरह प्रदूषित कर देती है । डॉ० चौधरी ने कहा कि ये सही है कि जो लोग तम्बाकू नहीं खाते उन्हे भी कैंसर हो जाता है पर वह कैंसर दूसरी तरह के होते है । एक पौण्ड तम्बाकू में निकोटीन नामक जहर की मात्रा लगभग 22.8 ग्राम होती है जो जीभ, मुंह, श्वासनली, फेफड़ो आदि में कैंसर, क्रानिक व्रांकाइटिस, दमा, टीवी जैसे अनेक रोगों को जन्म दे देती है । उन्होनें बताया कि भारत में मुंह, जीभ तथा ऊपरी श्वास व भोजन नली का कैंसर पूरे संसार की तुलना में सबसे अधिक पाया जाता है । देश में 50 प्रतिशत पुरूष और 27 प्रतिशत महिलाएं कैंसर का शिकार है और 90 प्रतिशत मुंह, फेफड़े का कैंसर एवं 77 प्रतिशत नली का कैंसर धूम्रपान के कारण होता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश में इस समय 20 करोड़ लोग धूम्रपान के चुंगल में फंसे है ।
तम्बाकू त्यागने की बात करते हुए डॉ० अनन्तशील चौधरी ने कहा कि मजबूत आत्मशक्ति से इस पर काबू पाया जा सकता है क्योकिं यदि कैंसर न भी हो तब भी अनेक रोगों का शिकार बना सकता है तम्बाकू ।
देश में 50 प्रतिशत पुरूष और 27 प्रतिशत महिलाएं कैंसर की शिकार है
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