मलिहाबाद क्षेत्र के महदोइया गांव में मौजूद रोजगार सेवक मो जमील के पिता के पास लग्जरी कार स्विफ्ट डिजायर यू पी 32 एफ एम 6786 और लखनऊ में आलीशान मकान जिसमें एसी तक लगी है उस मकान की कीमत करोड़ों में होगी।
रोजगार सेवक की मां छेदाना और सगे भाई मो मोबीन को समाजवादी पेन्शन मिल रही है वहीं गांव के बहुत ऎसे लोग हैं जिनके पास एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता लगभग एक साल पहले गांव के कुछ लोगों ने इस मामले कि शिकायत खण्ड विकास अधिकारी मलिहाबाद से कि थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई सूत्रों के मुताबिक रोजगार सेवक अपने भाई की फर्जी हाजरी नरेगा में लगाकर पैसा निकाल रहा था जबसे रोजगार सेवक गांव में नियुक्त हुआ था बीते दो साल पहले गांव के निवासी मो मोहसिन ने फर्जी हजिरी लगाकर पैसा निकालने की लिखित शिकायत की तब जाके रोजगार सेवक के भाई की फर्जी हाजिरी लगना बन्द हुई और पैसा निकलना बंद हुआ लेकिन पूर्व में लगातार नरेगा का जो पैसा रोजगार सेवक के भाई ने प्राप्त किया है उसको किसी ने देखना भी नहीं चहा जबकि गांव के एक व्यक्ति की शिकायत पर हाजरी लगना तो बन्द हो गई लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हुई सूत्रों की मानें तो उक्त गांव के रोजगार सेवक का पूरा परिवार लगभग तीस साल पहले लखनऊ चला गया था और वही तब से रह रहा है सूत्रों की मानें तो रोजगार सेवक मो जमील लखनऊ से गाव कभी कभी आता जाता है वहीं दो साल पूर्व कुछ नरेगा मजदूरों ने रोजगार सेवक मो जमील पर हाजिरी लगाने के नाम पर पाँच सौ रुपए लेने का और जो मजदूर काम करेगा उसे आधा पैसा वापस करना होगा का आरोप लगाया था और खण्ड विकास अधिकारी मलिहाबाद को लिखित शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।