लखनऊ। दिल्ली में जारी हिंसा को हैंडिल करने के लिए अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल खुद मैदान में उतरेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अजीत डोभाल को सरकार ने पूरी छूट भी दी है। ताकि हिंसा थामने के लिए किसी तरह की कोई समस्या न आए। पिछले तीन दिन से दिल्ली में जारी हिंसा में भारी पैमाने पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया है।
हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा भी 20 पर पहुँच गया है। 22 फरवरी से शुरू हुआ बवाल धीरे-धीरे हिंसक टकराव में बदल चुका है। सड़कों पर दंगाइयों की भारी भीड़ के आगे दिल्ली पुलिस भी खुद को बेबस पा रही है। इसी का नतीजा है कि दंगा थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।
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अजीत डोभाल सीधे प्रधानमंत्री और कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट देंगे। अमेरिकी राष्टपति डोनाल्ड टंप के जाते ही डोभाल ने मंगलवार रात से ही मोर्चा भी संभाल लिया।
रात करीब 12ः30 बजे डोभाल ने हिंसा प्रभावित जाफराबाद और सीलमपुर का दौरा किया। एनएसए ने मुस्तफाबाद हिंसा में घायल लोगों को बड़े हास्पिटल में भेजने का निर्देश दिया है। डोभाल के साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोभाल ने एक मीटिंग में दिल्ली पुलिस को साफ कह दिया है कि किसी भी कीमत पर अब हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी दंगा करते हुए पकड़ा जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार सुबह हिंसा में गंभीर रूप से घायल दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित शर्मा के परिजनों से बात की। साथ ही डीसीपी के स्वास्थ्य के बारे में हाल-चाल जाना। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर काबू पाने के लिए अमित शाह ने मंगलवार रात तक करीब 24 घण्टे के अंदर 3 बैठकें की। इन बैठकों के बाद ही अजीत डोभाल देर रात हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया।