क्यों सपा सरकार की मजबूरी बन गए गायत्री प्रसाद प्रजापति
यूपी के पूर्व मंत्री और रेप का आरोपी गायत्री प्रजापति को पुलिस ने लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रजापति को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया है। वहीं एक चैनल से बातचीत में यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत सिंह ने बताया कि इस मामले के सभी सातों आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सरकार के लिए गले की हड्डी बन गए थे । सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज कर दी है तो राज्यपाल ने भी उनकी बर्खास्तगी के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कड़ा पत्र लिखा है। गायत्री के मुद्दे पर प्रदेश सरकार चारों तरफ से घिरी हुई है, सरकार के लिए ये मुद्दा न उगलते हुए बन रहा है न निगलते हुए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री प्रजापति समेत 5 लोगों के खिलाफ बीते 18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। गायत्री समेत अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 511, 376 डी पॉक्सो एक्ट 3/4 में मामला दर्ज हुआ था। प्रजापति समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था,लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भी गायत्री विवादों में रहे हैं।
इससे पहले यूपी पुलिस व एसटीएफ ने इसी मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था । मामले में आरोपी को शरण देने के लिए गायत्री के दो बेटों को हिरासत में लिया गया था। यूपी चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने भी गायत्री के फरार होने व रेप में आरोपी होने का मुद्दा बनाया था, जिससे अखिलेश सरकार बैकफुट पर आ गई थी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तो उन पर यह तक आरोप लगा चुके हैं कि मुख्यमंत्री ने गायत्री को पुलिस से बचाने के लिए अपने सरकारी आवास में छिपा रखा है। खुद पर आरोपों से आहत मुख्यमंत्री को मीडिया के सामने सफाई देनी पड़ी की जिसे दिक्कत हो वो कैमरे लेकर मेरे घर चले और देख ले कि गायत्री वहां हैं भी या नहीं।
तमाम तरफ से उठते सवालों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि दागी गायत्री प्रसाद प्रजापति उसकी जरूरत बने हुए हैं