BRIJENDRA BAHADUR MAURYA
योगी अंकल हमारा भी नाम स्कूल में लिखवा दो
बेसिक शिक्षा विभाग और शिक्षा माफिया के गठजोड़ से त्रस्त बच्चें
लखनऊ। राजधानी में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर यूं तो मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन होते रहते हैं पर सोमवार को छोटे छोटे बच्चों के साथ प्रदर्शन करने आई महिलाओं की बात ही कुछ अलग रही।
अभिभावक संघ, नींव, बदलाव, आशा किरण, तथा जन जागृति संस्थाओं के बैनर तले महिला पुरुषों ने बच्चों के साथ शिक्षा का अधिकार को लेकर धरना प्रदर्शन किया। अभिभावक संघ के रविन्द्र कुमार ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत बच्चों के दाखिले की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही है और अभिभावक स्कूल तथा बेसिक शिक्षा विभाग के बीच फुटबाल की तरह खेले जा रहे हैं। पहले तो आरटीई की लाटरी तय समय सीमा के काफ़ी देर बाद निकली, फिर स्कूलों ने इन बच्चों को दाखिला देने के लिए तरह तरह के बहाने बनाने शुरू कर दिए। आरटीई की लाटरी में चयनित बच्चों के माता-पिता स्कूल और बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट काट कर परेशान हो रहे हैं। हेरीटेज स्कूल नरपत खेड़ा, सिटी कांवेंट स्कूल हंसखेड़ा, जानकीपुरम स्थित सेंट्रल अकादमी, सूर्या अकादमी व महाराजा पब्लिक स्कूल, सुरभि पब्लिक स्कूल फैजुल्लागंज, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल इंदिरा नगर, स्प्रिंग डेल स्कूल इंदिरा नगर आदि स्कूलों और बच्चों के नाम गिनाते हुए कहा कि ये स्कूल यह कह कर अभिभावकों को दौड़ा रहे है कि बेसिक शिक्षा विभाग से लिस्ट नहीं आई है और विभाग कह रहा है लिस्ट भेजी जा चुकी है परंतु जुलाई बीत गया और बच्चों का एडमिशन नहीं हो सका है।
पीड़िता रजनी देवी ने कहा कि बेटे शिवांश को नाम लाटरी में निकलने के बाद जब एल वाई मैनपुरिया स्कूल में बच्चें का दाखिला करवाने गई तो स्कूल ने 1500 रूपए एडमिशन फीस तथा मासिक फीस 250 रूपए प्रतिमाह बताई। इसी तरह नगमा को गुरुकुल अकादमी इंदिरा नगर से नाउम्मीदी इसलिए हो गई क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने अन्त समय पर स्कूल का नाम बदल कर प्रज्ञा अकादमी कर दिया क्योंकि गुरुकुल अकादमी में सीटें फुल हो गयी थी। बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों के नाम पते में गलती होने की बात करते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है पर सच्चाई ये है कि शिक्षा सत्र शुरू हुए एक माह बीतने को है और विभाग स्कूलों को लिस्ट ही मुहैय्या करवा पाया है। और तो और पिछले शिक्षा सत्र में प्रवेश पाए बच्चों को भी कुछ स्कूलों ने इस वर्ष भी बिना फीस के पढ़ाने से इंकार कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए लोगों ने कहा कि शिक्षा सत्र बीतता जा रहा है और बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों के साथ मिल कर शिक्षा के अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाने में लगा हुआ है। शिक्षा माफिया से गरीब बच्चों की रक्षा करने की मांग करते हुए संस्थाओं ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन किया।
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