MarqueeSliderUttar Pradesh क्या किसान को राष्ट्रपति बनने अधिकार नहीं- फिर कैसा किसानो का देश By Admin - June 18, 2017 0 210 FacebookTwitterPinterestWhatsApp Brijendra bahadur maurya कृषि प्रधान देश में राष्ट्रपति किसान क्यों नहीं बन सकता है : राजाराम रेड्डी लखनऊ । भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की 70 प्रतिशत आबादी सीधे खेती से जुड़ी है। यूं तो भारतीय राजनीति में किसानों को ऊंचे पद प्राप्त होते रहे है परंतु आम किसान को कभी उच्च पदों पर आसीन नहीं किया गया है । ये बातें रविवार को राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए राजाराम रेड्डी ने कही। आन्ध्र प्रदेश निवासी रेड्डी सीआरपीएफ के रिटायर्ड सैनिक है और गॉव में रह कर खेती करते है। नोटबन्दी और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी रेड्डी सक्रिय भूमिका निभा चुके है और अब रेड्डी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों में जुटे है। राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति बनाने लखनऊ आए राजाराम ने बताया कि वह राष्ट्रपति चुनाव में स्वयं खड़े होना चाहते है और इसके लिए वह शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर आए है। रेड्डी बसपा कार्यालय में अपना पत्र देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिल कर बात रखने जा रहे है। रेड्डी ने कहा कि वे लखनऊ के बाद सीधे दिल्ली जा कर प्रधानमंत्री मोदी, सुषमा स्वराज, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, वेंकैया नायडू समेत सभी राजनैतिक दलों के प्रमुखों तक अपनी बात रखेंगे कि पक्ष और विपक्ष मिल कर आम सहमति बनाए और राजाराम रेड्डी को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित करे। अपना पक्ष रखते हुए रेड्डी ने कहा कि आम किसान तो क्या आम आदमी को भी राजनीतिज्ञ ऊपर उठता देखना नहीं चाहते है और तो और आम समस्याओं से रोजाना रूबरू होने वाले इंसान को कभी राजनीति में स्थान नहीं मिलता है। उन्होनें कहा कि जब सेना से रिटायर्ड उच्च अधिकारी बड़े पदों पर आसीन किए जाते है और तथाकथित किसान जो वास्तविक रूप से जमींदार होते है, उनकों राजनीति में लाया जाता है तब एक आम किसान क्यों नहीं भारतीय राजनीति आगे बढ़ाने का काम कर रही है ? रेड्डी ने कहा कि वह कई राज्यों का दौरा करने के बाद सबसे ज्यादा इलेक्टोरल वोट वाले प्रदेश यूपी आए है और उन्हे पूरी उम्मीद है कि राजनैतिक दल उनकी बात को गंभीरता से लेंगे। https://youtu.be/3E94U91dbWU Also read