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मुंबई: एक्टर अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ देश के एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म है. भारत एक सभ्यता का देश है और इसी वजह से लोग टॉयलेट जैसे विषय पर बात करना ठीक नहीं समझते. अब इस विषय पर फिल्म लाकर अक्षय कुमार को उम्मीद है कि इससे लोगों की सोच में परिवर्तन आएगा और लोग इस विषय पर भी चर्चा करेंगे. अक्षय ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, “शौचालय के बारे में बात करना भारत में अब भी वर्जित माना जाता है. मुझे याद है कि फिल्म में जब मैंने संवाद बोला ‘अब बीवी घर आए ना आए संडास लाकर ही छोड़ूंगा इस गांव में’, लोग सोचने लगे थे कि मुझे यह बोलना चाहिए कि नहीं, लेकिन निजी तौर पर मेरा मानना है कि यह आवश्यक है… मेरा मतलब टॉयलेट कौन नहीं जाता है?”
हालांकि, अक्षय ने उम्मीद जताई है कि चीजें बदलेंगी. उन्होंने कहा कि युवा मजबूत दिमाग वाले हैं, वे शौचालय के इस्तेमाल की जरूरत समझते हैं. कुछ लोगों ने इस बारे में बात करनी शुरू कर दी है, जो अच्छी बात है. जागरूकता का प्रसार करना चाहिए. बता दें, नारायण सिंह निर्देशित फिल्म में भूमि पेडनेकर भी हैं और यह 11 अगस्त को रिलीज हो रही है.
वास्तविक विषयों को ज्यादा अहमियत
लोगों के थिएटर में जाकर फिल्में देखने की संख्या में आती कमी के बारे में अक्षय से पूछा गया कि क्या टिकट के बढ़ते दाम इसके लिए जिम्मेदार हैं, तो उन्होंने कहा, “..लेकिन क्षेत्रीय और हॉलीवुड फिल्में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, अगर टिकट का दाम उनके व्यवसाय को प्रभावित नहीं कर रहा है तो फिर हमारी फिल्मों को कैसे कर सकता है? शायद कहानी इसके लिए जिम्मेदार है.” अक्षय से जब वास्तविकता से जुड़ी कहानियों पर आधारित फिल्में करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर उनके जुड़ने से फिल्म अच्छा करती है और अगर कहानी उन्हें पसंद है तो वह जरूर करेंगे. उन्होंने बताया कि रिसर्च से उन्हें पता चला है कि खुले में शौच करने के चलते देश में हर पांच मिनट में एक बच्चे की मौत हो जाती है, ऐसे में इस तरह के विषयों की ज्यादा अहमियत है.
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