युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए बर्ड वाचिंग की परंपरा शुरू करनी चाहिए

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अवधनामा संवाददाता
भारतीय संस्कृति में पक्षियों का अत्याधिक महत्व रहा है : पुष्पेन्द्र सिंह चौहान
अगर ध्यान करें तो हिंदू देवी-देवताओं के वाहन के रूप में पक्षियों को हमेशा से आदर मिला है

ललितपुर। भारतीय संस्कृति में पक्षियों का अत्याधिक महत्व रहा है। अगर ध्यान करें तो हिंदू देवी-देवताओं के वाहन के रूप में पक्षियों को हमेशा से आदर मिला है। जैसे ब्रह्मा और सरस्वती का हंस, विष्णु का गरुण, कार्तिकेय का मयूर, कामदेव के तोता, इंद्र और अग्निदेव का अरुण क्रुंच (फलैमिंगो), वरुणदेव का चक्रवाक (शैलडक)। संसार की सबसे पुरानी पुस्तक माने जाने वाले ऋग्वेद में जहां 20 पक्षियों का वर्णन है तो वहीं यजुर्वेद में 60 पक्षियों का उल्लेख है। इतना ही नहीं, मनुस्मृति और पराशरस्मृति में तो पक्षियों के संरक्षण के हिसाब से कुछ विशेष पक्षियों को मारने पर रोक तक लगाने की बात कही गई है। इसी तरह, चाणक्य रचित अर्थशास्त्र में भी राजा को अपने राज्य में पक्षी-संरक्षण करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। रविवार की सुबह नेचर क्लब की टीम ने नेचर वॉक करते हुए पक्षियों का हाल चाल जाना। गोविंद सागर बांध वैरावट क्षेत्र की तलहटी में सुबह सुबह राजकीय पक्षी सारस को देखकर पक्षी प्रेमियों का मन प्रसन्न हो गया। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही यहां प्रवासी पक्षी नवंबर के महीने से आना शुरू हो जाते हैं। इस तरह प्रवासी पक्षी नवंबर से मार्च तक लगभग चार महीने के लिए यहां अपना बसेरा करते हैं।पक्षी प्रेमियों के लिए इन प्रवासी पक्षियों को निहारने का यह सबसे उपयुक्त समय होता है। नेचर वॉक करते हुए नेचर क्लब के सदस्यों ने करीब 30 से 40 प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की प्रजाति को देखा।ललितपुर नेचर क्लब के संयोजक पर्यावरणविद पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि नेचर वॉक के द्वारा हमें आज सारस दिखाई दिया जो बहुत ही मधुर आवाज निकाल रहा था और इसके साथ साथ सुर्खाब बतख, बगुला, सिलेण्डर, बिल्डगुल, यूरेशियनकूट, ट्यूूफिटडटक, सिलेटीशवन, लालशर, जल कौआ, ब्लैक विण्डस्टिल्ड, टिटहरी इनके अलावा नेचर वॉक करते हुए किंग फिशर, नीलकंठ, बाज, अबाबिल, हुद हुद,सेवन सिस्टर्स आदि पक्षी देखने को मिले। एक जगह पक्षियों के पंख व पक्षियों को फसाने वाला जाल भी मिला। इस दौरान डा.राजीव निरंजन, पक्षी विशेषज्ञ देवेंद्र यादव, आकाश झा गोल्डी ने आसपास खेत पर काम कर रहे किसानों से चर्चा करके पक्षियों के संरक्षण के लिए जागरूक किया।

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