अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बढ़ते ई-चालानों के मामलों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार ई-कोर्ट स्थापित करने जा रही है. यूपी में वाहनों का ई-चालान किया जाने लगा है. इन चालानों का निस्तारण कोर्ट के माध्यम से होता है. अदालतों पर पहले से काम का भारी दबाव है. इसी वजह से सरकार ने ई- कोर्ट बनाने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद श्रीवास्तव ने आज इस सम्बन्ध में न्याय विभाग में बैठक कर विचार विमर्श किया. इस बैठक में यह बात सामने आयी कि सात जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2020 के बीच में एक करोड़, 13 लाख, 33 हज़ार, 367 ई- चालान हुए हैं. जिन चालानों का निस्तारण नहीं हो पाता उन्हें अदालत में भेजा जाता है.
यह भी पढ़ें : उन्नाव की ज़मीन से निकले मुगलकालीन चांदी के सिक्के
यह भी पढ़ें : अखिलेश ने उन्हें चन्दाजीवी बताया तो संतों ने किया पलटवार
यह भी पढ़ें : 24 अप्रैल से शुरू होगी दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा
यह भी पढ़ें : समुद्री संग्रहालय में बदल सकता है आईएनएस विराट
कोर्ट भेजे गए ई-चालान में से 36 लाख, 42 हज़ार 242 चालान अभी भी निस्तारित नहीं हो पाए हैं. ई-चालान कोर्ट बन जाने के बाद कोर्ट भेजे जाने वाले चालान जल्द निस्तारित किये जा सकेंगे. मामले जल्दी निस्तारित होंगे तो सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और मुकदमों का बोझ भी कम होगा.