Thursday, August 7, 2025
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योग, संवाद और रचनात्मक सृजन है तनाव से मुक्ति की संजीवनी : प्रो. अनुभूति

एमजीयूजी के फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड लाइफ साइंस एंड फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंस के दीक्षारंभ में विद्यार्थियों को मिला तनाव से मुक्ति का मंत्र

गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड लाइफ साइंस एंड फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंस के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के दीक्षारंभ कार्यक्रम के तहत मंगलवार को तनाव प्रबंधन एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अनुभूति दूबे ने विद्यार्थियों को तनाव से मुक्ति का मंत्र दिया। उन्होंने छात्रों को तनाव के कारण, उसके प्रभाव और उससे निपटने की प्रभावी तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रो. अनुभूति दूबे ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में विद्यार्थी जीवन केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अनेक मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक चुनौतियों से घिरा हुआ है। परीक्षा का दबाव, करियर की चिंता, पारिवारिक अपेक्षाएं, सामाजिक तुलना और डिजिटल युग की व्यस्तता ये सभी विद्यार्थियों में तनाव को जन्म देते हैं।

प्रो. दूबे ने कहा कि यदि इस तनाव का समय रहते प्रबंधन नहीं किया जाए तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। तनाव के मुख्य कारण परीक्षा और अंकों का दबाव, समय प्रबंधन में कठिनाई, साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा, आत्म-विश्वास की कमी, करियर को लेकर असमंजस, पारिवारिक विवाद, सोशल मीडिया की लत, और नींद या भोजन की अनियमितता शामिल हैं। विद्यार्थियों को तनाव से मुक्ति के लिए नियमित योग, रचनात्मक सृजन, आध्यात्मिक संस्कारों और सकारात्मक कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया।

स्वस्थ छात्र आत्मविश्वासी, सकारात्मक सोच वाला, और सामाजिक रूप से सक्रिय होता है। मानसिक रूप से संतुलित विद्यार्थी न केवल शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करता है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफल रहता है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाया कि कैसे सही समय प्रबंधन, सकारात्मक सोच, आत्म-अभिव्यक्ति, डिजिटल डिटॉक्स और मनोवैज्ञानिक प्रतिरक्षा जैसी तकनीकों को अपनाकर तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार,जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. अमित कुमार दूबे, डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव, धनंजय पांडेय, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, डॉ. प्रेरणा अदिति आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

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