जैव प्रौद्योगिकी संस्थान शुआट्स वि0वि0 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2022 मनाया

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराजः  जैकब इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोइंजीनियरिंग सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज  द्वारा 10 अक्टूबर 2022 को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2022 मनाया गया। प्रो0  (आई0आर0) जोनाथन ए0 लाल प्रो वाइस चांसलर एकेडमिक ज0आई0वी0वी0 और डीन  ने इस कार्यक्रम का समर्थन किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ दीपा पुनेठा कार्यक्रम में विशिष्ट आमंत्रित वक्ता थीं और डॉ विजय त्रिपाठी द्वारा उनका परिचय कराया गया था। प्रोफेसर पुनेठा ने किशोरों और युवा वयस्कों में मनोवैज्ञानिक तनाव के विभिन्न पहलुओं पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने तनाव की हानिकारक प्रकृति और स्वयं को जानने के माध्यम से विभिन्न समाजशास्त्रीय तनाव से राहत देने के तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से लेखन और साझा करने के माध्यम से चिंताओं और तनावों को दूर करने का भी आग्रह किया। व्याख्यान के अलावाए स्वस्थ भारत के एक भाग के रूप में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस विषय पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गईए जिसमें छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। प्रो डा0 रुबीना लॉरेंसए एसोसिएट डीन एकेडमिक जे0आई0वी0वी0 ने प्रोफेसर दीपा पुनेठा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता के विजेताओं को कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और बायोइन्फॉर्मेटिक्स विभाग के प्रमुख प्रो डा0 राजीव कांत द्वारा पुरस्कार प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सेंटर फॉर टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी की प्रमुख डॉ0 प्रगति शुक्ला और कई अन्य एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर भी उपस्थित थे।
इलाहाबाद स्कूल ऑफ एजुकेशन शुआट्स मे मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया। डॉ अजय कुमार मिश्रा ने छात्रों और स्टाफ सदस्यों के साथ अपने संवादों और चर्चाओं में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को समझने की आवश्यकता अवसाद को पहचानने के तरीके और इससे निपटने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने हमें मानसिक मुद्दोंए विशेष रूप से अवसाद से निपटने के लिए सुझाव देकर हमें प्रबुद्ध कियाए क्योंकि यह कोविड 19 के बाद से बढ़ रहा है। उन्होंने इससे पीड़ित लोगों के लिए बेहतर समाधान खोजने के लिए इस मुद्दे को खोलने और संवाद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सिज़ोफ्रेनिया और इसके प्रकारों के साथ-साथ आत्महत्या की प्रवृत्ति और कदमों को रोकने के लिए सहानुभूति के महत्व के बारे में भी चर्चा की। उनकी सूझबूझ से पूरे कार्यक्रम को मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता पर आलोक में एक नई रोशनी मिली।
कार्यक्रम के अंतर्गत डीन प्रो डॉ सिस्टर मैरियन मैथ्यू विभागाध्यक्ष डॉ श्यामला एस0 मसीह डॉ0 प्रेम प्रभा सिंह डॉ0  डॉ निहारिका डेनिस डॉ कीर्ति कटिंग डॉ सीमा मलिक डॉ एविस चिंतामणि डॉ सैयदा सारा अजीज डॉ राजीव सिंह डॉ प्रशोभ पौल डिसूजा डॉ ज्योत्सना जायसवाल डॉ अनुपमा मेहता डॉ चेतना पांडे डॉ संगीता अल्फ्रेड  पूजा जे सोनपाकर आदि शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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