Thursday, May 15, 2025
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वरदानी भवन में मनाया गया विश्व ध्यान दिवस

यूनाइटेड नेशन के अंतर्गत विश्व ध्यान दिवस किया गया
 
ललितपुर। ब्रह्माकुमारीज सेवा केन्द्र में विश्व ध्यान दिवस के रूप मे मनाया गया। वरदानी भवन में शनिवार की सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सामूहिक रूप से योगाभ्यास, राजयोग अनुभूति का अभ्यास करते हुए लोगों को राजयोग मेडिटेशन का संदेश दिया गया। ब्रह्माकुमारीज की आध्यात्मिक शिक्षा का मुख्य आधार राजयोग ध्यान ही है। ध्यान को लेकर लोगों को जागरूक और प्रशिक्षित करने के लिए संस्थान अपनी स्थापना से ही सेवाएं प्रदान कर रहा है। राजयोगिनी बी.के.चित्ररेखा दीदीजी ने बताया कि बहुत ही हर्ष का विषय है कि 21 दिसंबर को पहला विश्व ध्यान दिवस विश्वभर में मनाया गया। ध्यान तो हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपरा रहा है। मेडिटेशन से ही आत्म कल्याण संभव है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य शिक्षा का आधार राजयोग मेडिटेशन ही है। राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा संस्थान के विश्वभर में स्थित सेवा केंद्रों पर निशुल्क प्रदान की जाती है। संस्थान से राजयोग सीखकर आज लाखों लोगों का जीवन बदल गया है। उनके जीवन में खुशहाली आई है। मेडिटेशन हमारे तन-मन को स्वस्थ रखता है। अंत में राजयोग मेडिटेशन अंतर्जगत की यात्रा कराई कि मैं एक आध्यात्मिक ऊर्जा हूं. मैं दिव्य शक्ति इस शरीर की मालिक, भृकुटी के मध्य विराजमान एक चैतन्य ऊर्जा हूं. मैं आत्मा स्वस्थ हूं. मैं आत्मा खुश हूं. खुशी मेरा निजी गुण है, संस्कार है…मेरे सिर पर सदा मेरे इष्ट, मेरे आराध्य परमपिता परमात्मा का वरदानी हाथ है. मैं उनकी छत्रछाया में खुद को शांत और सुखी महसूस कर रही हूं.मेरी सारी चिंताएं और समस्याएं परमात्मा को अर्पण कर दी हैं. मेरे इष्ट मुझे वरदान दे रहे हैं सदा सफलतामूर्त भव:. मेरे परिजन बहुत अच्छे हैं. मेरे जीवन की सारी चिंताएं दूर हो गई हैं. मेरा जन्म महान कार्यों के लिए हुआ है… इस तरह आंखों को खुला रखकर खुद को आत्मा समझकर परमपिता परमात्मा से संवाद करना सिखाया जाता है। जब हम यह अभ्यास रोजाना एक नियत समय पर एक घंटा करते हैं तो 21 दिन के अंदर हमारे माइंड का औरा (चक्र) हमारे विचारों के अनुकूल तैयार हो जाता है। आदरणीय राजयोगिनी बीके मायारानी दीदी जी ने बताया कि मेडिटेशन धर्म, संस्कृति, जातिभेद, वर्णभेद, आयुभेद से परे है। आज इसकी हर एक व्यक्ति को आवश्यकता है। मेडिटेशन से जीवन में मानसिक शांति आती है। मन की व्याधियां दूर होती हैं। निगेटिव विचार, निगेटिव भावनाएं खत्म होती हैं। मन शक्तिशाली होता है। यदि मन शक्तिशाली है तो जीवन में आने वाली समस्याएं और परिस्थितियां हम पर हावी नहीं हो पाती है। इसलिए मेडिटेशन को सभी अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
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