विश्व होम्योपैथी दिवस

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अवधनामा संवाददाता

 चिकित्सकों ने मनाया होम्योपैथी के जनक डॉ हैनिमैन का जन्मदिन
 जनविश्वास के अनुरूप आयुष में होम्योपैथी को समान अवसर की दरकार – डॉ उपेन्द्रमणि
अयोध्या । होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ एवं आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वाधान में होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुएल हैनिमैन का जन्मदिन ट्रांसपोर्टनगर में विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया गया।इस अवसर पर जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ आर वी त्रिपाठी ने डॉ हैनिमैन की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए डॉ त्रिपाठी ने कहा हैनिमैन 46 वर्षों के जीवन संघर्ष के बाद पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सरल सहज स्थायी व शीघ्र  प्रभावी प्रकृति चिकित्सा सिद्धांतो पर होम्योपैथी का विकास किया और वर्तमान प्रचलित पद्धति को एलोपैथी नाम दिया।विगत कोरोना वर्षों में होम्योपैथी के प्रति आमजन विश्वास में आशातीत बृद्धि हुई है। डॉ उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा भारत में बहुसंख्य आबादी आज भी गांवों में रहती जहां है  सुविधाओं के अभाव में योग्य व कुशल चिकित्सक दूरी बनाये रखते है।
 भारत मे आबादी मानक के अनुरूप चिकित्सकों की कमी सरकारें स्वीकार करती हैं । हमारे देश मे चिकित्सा के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, व यूनानी मान्यता प्राप्त हैं किंतु सरकारों की राजनीति में बनती स्वस्थ्यनीति में एलोपैथी या कुछ हद तक आयुर्वेद और योग पर ही ध्यान केंद्रित है। दवाओं और चिकित्सकों की सहज उपलब्धता के कारण ही भिन्न सामाजिक गतिविधियों में स्वास्थ्य प्रकल्पों द्वारा सेवा के नामपर होम्योपैथिक दवाओं का ही वितरण कराया जाता है जो जन विश्वास को भी प्रदर्शित करता है। समस्या और कारण ज्ञात होने पर उचित समाधान के लिए सभी संभव उपलब्ध साधनों का समुचित प्रयोग करना चाहिए,  इसी आधार पर हमने कई बार सरकार को सुझाव भेजे कि सरकार चाहे तो न्यूनतम समय मे अधिकतम जनसंख्या को चिकित्सीय सेवायें उपलब्ध हो सकती हैं। इसके लिए  ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में निश्चित आबादी पर सभी प्रशिक्षित व पंजिकृत होम्योपैथ व अन्य चिकित्सकों को चिकित्सा सेवा कार्य के लिए क्लिनिक या अस्पताल खोलने में सरकारी मदद (जमीन /भवन) उपलब्द्ध कराकर या निजी क्लीनिक में दिन में ओपीडी के समय में सरकारी पर्चे पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्द्ध कराये जाने का अनुबंध करें, जिसके सापेक्ष उन्हें सम्मानजनक मानदेय दिया जाय। तकनीकी प्रयोग से नियमित मॉनिटरिंग की जाय।
मेरा विश्वास है कि इस नीति से आम जनता को उसकी पहुँच में योग्य चिकित्सक, नए युवा चिकित्सक को स्वालम्बन सहित सेवा का अवसर व सरकार को यश की प्राप्ति होगी। इस अवसर पर सुनील, शिशिर, सौरभ, संजय कपूर, राजीव कपूर, डॉ प्रेमचन्द्र, डॉ पंकज श्रीवास्तव सहित आस पास के लाभार्थी बन्धु उपस्थित रहे।
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