केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान एक राष्ट्र-एक मिशन शुरू किया है। विश्व पर्यावरण दिवस से पहले शुरू हुए इस अभियान का लक्ष्य सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाना और लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों स्थानीय निकायों और नागरिकों से इस अभियान में भाग लेने का आह्वान किया है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद भी देश में इसके धड़ल्ले से हो रहे इस्तेमाल को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब जनजागरूकता का सराहा लिया है। विश्व पर्यावरण दिवस से पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए एक राष्ट्र-एक मिशन नाम से एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है।
इसमें देश भर के सभी सार्वजनिक स्थलों, जैसे समुद्र और नदियों तटों, पार्कों, पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशन व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। साथ ही यह बताया जाएगा कि यह पर्यावरण के लिए किस तरह हानिकारक है।
अभियान में राज्यों को लेना है भाग
इनमें सोशल मीडिया अभियान, नुक्कड नाकट, पोस्ट व निबंध प्रतियोगिता, सार्वजनिक प्रतिज्ञा और मैराथन जैसी गतिविधियां आयोजित होगी। मंत्रालय ने इस अभियान में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय के साथ सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग और नागरिकों से इस अभियान में हिस्सा लेने को कहा है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन में कमी लाना लक्ष्य
मंत्रालय के मुताबिक, इस अभियान का मुख्य फोकस सिंगल यूज प्लास्टिक सहित प्लास्टिक कचरे के उपयोग व उत्पादन में कमी लाना, प्लास्टिक कचरे का पृथक्करण, संग्रहण, निपटान और पुनर्चक्रण के माध्यम से नष्ट करना या दूसरे उपयोग में लाना, सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए दीर्घकालिक विकल्पों का प्रोत्साहन आदि शामिल है। बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को सरकार ने एक जुलाई 2022 को ही प्रतिबंधित कर दिया है।