अवधनामा संवाददाता
जहांगीराबाद बाराबंकी। इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जहांगीराबाद फोर्ट में कार्डिओ पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) अर्थात कार्डियक अरेस्ट पुनर्जीवन जागरूकता पर कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस ( मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ & फॅमिली वेलफेयर) के प्रेजिडेंट डॉ अभिजात सेठ और डॉ संजीव मित्तल (सर गंगाराम हॉस्पिटल नई दिल्ली) वेबिनार के माधयम से मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
सत्र के दौरान उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति अचानक कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित हो तो उस स्थिति को कैसे पहचाने, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन व डेमो के माध्यम से सीपीआर देने की प्रकिया, सीपीआर में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए और अचानक कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित मरीज़ को पुनर्जीवित करने के लिए (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डेफिबिरिलेटर) AED मशीन के उपयोग के बारें में बताया।
फार्मेसी विभाग के प्रिंसिपल डॉ अमित शर्मा ने अपने सम्बोधन में बताया कि सीपीआर क्या होता है – सीपीआर का मतलब होता है कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन- यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानि फर्स्ट ऐड है जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या वो सांस नहीं ले पा रहा हो और बेहोश हो जाये तो सीपीआर से उसकी जान बचायी जा सकती है।
फार्मेसी के डॉ आबिद ने वक्तव्य में कहा कि रोज़मर्रा कि ज़िन्दगी में चिकित्सा आपात स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी स्थान पर आ सकती है।
अंत में डॉ अभिजात सेठ एवं डॉ संजीव मित्तल द्वारा शामिल लोगो को 300 डिजिटल सर्टिफिकेट वितरित किये गए। डॉ दबीर अहमद ने मुख्य अतिथियों और कार्यक्रम में शामिल प्रॉक्टर डॉ मो कलीम, फार्मेसी हेड मो. हिदायतुल्लाह, नोडल मेंबर अहमद नईम और शोएब अहमद समेत शिक्षक शिक्षिकाएं एवं छात्र छात्राओं का धन्यवाद किया।02