कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में शुक्रवार को मुख्य कोषाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के समस्त आहरण-वितरण अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में वित्तीय अनुशासन, लेखांकन प्रक्रिया और समायोजन नियमों से संबंधित तकनीकी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला में सभी अधिकारियों को बिल, जेम पोर्टल, डेबिट-क्रेडिट शिड्यूल, एसी/डीसी बिल, ऋण, सहायक अनुदान (GIA) से संबंधित उपभोग प्रमाण पत्रों को समयबद्ध ढंग से महालेखाकार कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही अंतिम भुगतान व मिलान प्रकरणों की अद्यतन स्थिति, अनपोस्टेड आइटम्स और अग्रिमों के लेखा संबंधी जानकारी भी साझा की गई।
मुख्य कोषाधिकारी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक आहरण-वितरण अधिकारी का दायित्व है कि वे कार्यालय के सभी कर्मचारियों से प्रतिमाह आयकर की कटौती सुनिश्चित करें। वर्ष 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों की भविष्य निधि कटौती के स्थान पर पेंशन अंशदान मद में कटौती की जाए, तथा पहले प्रान संख्या आवंटित कराना अनिवार्य बताया गया।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व जीपीएफ कटौती बंद कर दी जाए तथा सेवानिवृत्ति के बाद किसी प्रकार की कटौती सा़.भ.नि. में न की जाए। पासबुक में डेबिट/क्रेडिट प्रविष्टियों की पुष्टि के लिए वर्ष में दो बार अभिदाता से हस्ताक्षर कराना सुनिश्चित करने की बात भी कही गई।
इसके अलावा टीआर-27 से आहरित धनराशि का समायोजन अधिकतम 31 मार्च तक कराए जाने के निर्देश दिए गए। ऐसा न करने पर इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता माना जाएगा। साथ ही प्रत्येक माह डीडीओ रिकंसीलेशन स्टेटमेंट कोषागार से प्राप्त कर उसका मिलान कर पूर्ण हस्ताक्षर सहित समय पर जमा करने को भी अनिवार्य बताया गया।