देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस बीच, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा.
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जुटे प्रवासी मजदूर बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जुटे प्रवासी मजदूर
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जुटे सैकड़ों मजदूरआदित्य ठाकरे का केंद्र सरकार पर निशाना कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस बीच, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया.
बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ हट गई. स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी. हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे.
आदित्य ठाकरे का केंद्र सरकार निशाना
इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई. आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं.
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि सूरत में कानून और व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक एक समान स्थिति के रूप में देखी गई है. सभी प्रवासी श्रमिक शिविरों से प्रतिक्रिया समान है. कई खाने या रहने से इंकार कर रहे हैं. वर्तमान में महाराष्ट्र में विभिन्न आश्रय शिविरों में 6 लाख से अधिक लोगों को रखा गया है.
मुंब्रा में भी बांद्रा जैसी घटना घटी है. यहां पर मजदूरों की भीड़ जमा हो गई. उनकी मांग थी कि उन्हें उनके घर जाने दिया जाए. कई मजदूर तो पैदल ही जाना चाहते थे. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन बाद में लाठीचार्ज करना पड़ा. मजदूरों का कहना है कि उनके पैसे खत्म हो गए हैं और उनके पास खाने को कुछ नहीं है.
बता दें कि इससे पहले लॉकडाउन-1 के ऐलान के बाद दिल्ली के आनंद विहार और यूपी के कौशांबी बस अड्डे पर भी हजारों लोग जुट गए थे. इन्हें दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से डीटीसी की बसों से उनके घर भेजा गया था.