अवधनामा संवाददाता
बांदा। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में माननीय कुलपति महोदय डा0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन में संचालित महिला अध्ययन केन्द्र के अन्तर्गत दिनांक 13 जुलाई, 2020 को ‘‘ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार हेतु लिपनकला‘‘ विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में 65ग्रामीणमहिलाओं ने प्रतिभाग किया। जिसका मुख्य उद्देश्य लिपनकला के प्रयोग से हस्तशिल्प निर्माण कर महिलाओं की आमदनी बढ़ाना है।
कार्यक्रम में महिलाओं को प्रशिक्षण के दौरान डा0 सौरभ, सहायक प्राध्यापक, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय ने बताया कि शूक्ष्म व्यवसाय महिलाओं हेतु किस तरह से कम समय में अधिक उन्नत हो सकता है और इससे अधिक आय का अर्जन किया जा सकता है। प्रभारी, महिला अध्ययन केन्द्र, डा0 दीप्ति भार्गव ने लीपन कला के बारे मे बताया कि यह कला गुजरात की स्थानीय कला है। जिसका उपयोग घर की दीवारों को आलंकृत करने के लिये किया जाता है। लिपन शब्द का स्थानीय भाषा में अर्थ ‘‘मिट्टी‘‘ है। इस कला को गुजरात के कच्छ के स्थानीय निवासी मुख्य रूप से दीवारों को मिट्टी एवं दर्पणों से सजाने के लिये करते है। इस कला में उपयोग किये जाने वाले रूपांकन एवं डिजाइन दैनिक जीवन से प्रेरित होते है। इस कला में दोहरयें जाने वाले ज्यामतीय रूपांकनों का भी उपयोग किया जाता है। प्रभारी, महिला अध्ययन केन्द्र, डा0 दीप्ति भार्गव एवं डा0 सौरभ, सहायक प्राध्यापक ने लिपन कला पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया एवं प्रतिभागी महिलाओं ने लिपन कला को स्वयं करके सीखा। इस कला के माध्यम से बुन्देलखण्ड की महिलाएं अतिरिक्त आय सृजन कर सकती है। कार्यक्रम के समापन में प्रतिभागियों से अपने विचार एवं अनुभव साझा किये। प्रशिक्षण कार्य क्रम में आयी प्रतिभागियों को सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय का भ्रमण कराया गया एवं मुख्य रूप से उन्हें महाविद्यालय में संचालित स्ंइवतंजवतल छनतेमतल ैबीववस बनउ क्ंल ब्ंतम ब्मदजतम दिखाया गया तथा उसके महत्व को बताया गया। कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की सह-अधिष्ठाता, डा0 वंदना कुमारी का सहायोेग रहा।