महिला अस्पताल परिसर बना अखाड़ा

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अवधनामा सांवाददाता
रुपयों के लेनदेन को लेकर महिलाये भिड़ीं
दलालों पर रोक लगाने में महिला अस्पताल प्रशासन नाकाम

ललितपुर। शुक्रवार को जिला महिला अस्पताल का विशालकाय परिसर जंग के मैदान से कम नहीं लग रहा था। प्रसूताओं को भर्ती कराने के एवज में लेन-देन को लेकर दो महिलायें आपस में भिड़ गयीं। महिलायें गुत्थम-गुत्था होकर एक दूसरे के बाल खींच कर चप्पलें चला रहीं थीं। पहले तो कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जब दोनों अलग हुयीं तो उनके वार्तालाप से लोगों को पता चला कि महिला अस्पताल में दाखिल करायी गयी प्रसूता के परिजनों से मिले रुपयों में बंदरबांट को लेकर यह विवाद हुआ था। हालांकि मामले की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.मीनाक्षी सिंह को दी गयी है। अब देखना होगा कि क्या कार्यवाही अमल में लायी जाती है।
गौरतलब है कि महिला अस्पताल में ग्रामीण अंचलों से आने वाली प्रसूताओं को दाखिल कराने से लेकर प्रसव उपरान्त दवायें वितरण तक की गारण्टी लेकर उपचार कराने वाली करीब एक दर्जन महिलायें सक्रिय हैं, जो स्वयं को चिकित्सकों से गहरी पकड़ और उपचार में सुविधायें दिलाने के नाम पर प्रसूता के परिजनों से मोटी रकम ऐंठती हैं। इन रुपयों के आपस में बांटने को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते मुंह जुबानी यह विवाद हाथापाई में तब्दील हो गया, जिसे देखकर वहां मौजूद तीमारदार व अन्य लोग हतप्रभ रह गये। बताया गया है कि महिला अस्पताल में दलालों का मकडज़ाल फैला हुआ है। महिला अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं को कुछ ऐसी महिलायें जांच कराने, दवायें दिलाने और प्रसव कराने तक की बात कहते हुये झांसे में फसा लेती हैं और इसके एवज में तीन से पांच हजार रुपये तक वसूल कर लेती हैं। महिला अस्पताल में सक्रिय दलालों की सूचना कई बार अस्पताल प्रशासन को दी गयी, जिसके बावजूद भी कार्यवाही न होना संदेह उत्पन्न करता है। यहां तक कि तीमारदारों ने दबी जुबान से बताया कि महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड, जांच, ब्लड और दवाओं के नाम तक भी वसूली धड़ल्ले से की जाती है। आज दो महिलाओं के बीच हुये विवाद को देखकर महिला अस्पताल में सुरक्षा की पोल भी खुलती नजर आयी। करीब दस से पन्द्रह मिनिट तक चले विवाद में गार्ड व अस्पताल स्टाफ नदारत रहा।

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