लखनऊ । पश्चिम जोन के तालकटोरा थाने के इंचार्ज रिकेश कुमार के खिलाफ एक 56 वर्षीय महिला ने डीसीपी पश्चिम को प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग की है । हरचंदपुर कनौरा तालकटोरा की रहने वाली शमीम बानो के द्वारा डीसीपी पश्चिम को दिए गए प्रार्थना पत्र में तालकटोरा थाने के इंस्पेक्टर रिकेश कुमार पर आरोप लगाया गया है कि वो उनके पिता के मकान पर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से कब्जा करने वाले एजाज उर्फ टिंकू का साथ देकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं । डीसीपी पश्चिम को दिए गए प्रार्थना पत्र में शमीम बानो ने आरोप लगाया है कि ई ब्लॉक राजाजीपुरम में उनके पिता स्वर्गीय याकूब अली का एक मकान है जिस पर एजाज उर्फ टिंकू नामक व्यक्ति ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से कब्जा कर लिया है । शमीम बानो के अनुसार एजाज उनके पिता याकूब अली की दुकान पर काम करता था और उनके पिता ने उसे रहने के लिए मकान दिया था लेकिन एजाज के द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अपने आप को याकूब का पुत्र घोषित किया गया । शमीम बानो के अनुसार एजाज के खिलाफ उन्होंने कैसरबाग थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें वो जेल भी गया था जेल से आने के बाद एजाज ने राजाजीपुरम स्थित उनके पिता के मकान में रह रहे किरायेदारों से किराया मांगा जब किरायेदारों ने किराया नहीं दिया तो एजाज ने उनसे मारपीट की ओर तालकटोरा थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। डीसीपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में शमीम बानो ने इंस्पेक्टर तालकटोरा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने 24 अगस्त को उनके पुत्र तारिक को थाने बुलाया और धारा 151 के तहत उसे गिरफ्तार कर रात भर थाने में बैठाया और दूसरे दिन न्यायालय से जमानत हुई । शमीम बानो ने आरोप लगाया है कि इंस्पेक्टर तालकटोरा ने उनसे अभद्रता कर उन्हें थाने से भगा दिया था । इस संबंध में इंस्पेक्टर तालकटोरा रिकेश कुमार का कहना है कि शमीम बानो के द्वारा जिस एजाज़ पर मकान कब्जा किए जाने के आरोप लगाए गए हैं उस एजाज़ के पास इस मकान से संबंधित बिजली का बिल और अन्य कागज़ात भी हैं उनका कहना है कि महिला शमीम बानो के द्वारा उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं उन्होंने कहा कि दोनों के बीच न्यायालय में मामला चल रहा है जिसका फैसला न्यायालय करेगा उन्होंने बताया कि 24 अगस्त को मारपीट के मामले में तारिक के खिलाफ 151 की कार्यवाही की गई थी । शमीम बानो के पुत्र तारिक का कहना है कि उनकी मां पिछले 8 वर्षों से फ़ालिश की मरीज हैं और वो चल फिर नहीं सकती जिसकी वजह से इस प्रकरण की वो पैरवी कर रहे हैं । तारिक के अनुसार उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं और पुलिस उन्हें फसाने के लिए षड्यंत्र कर रही है उन्होंने बताया कि कैसरबाग थाने में एजाज के खिलाफ दर्ज मुकदमे में वो जेल गया था और एजाज ने जो अपने आप को याकूब अली का उत्तराधिकारी घोषित करने के लिए दस्तावेज लगाए थे वो फर्जी थे । तारिक का कहना है कि वह न्याय के लिए आखरी सांस तक लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो वो उच्च न्यायालय तक जाएंगे।
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