राजस्व टीम का सवाल किस अधिकार से किया समझौता

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With which authority was the question of revenue team compromised?

अवधनामा संवाददाता

 कब्रिस्तान की जमीन प्रकरण की शिकायत पर शुरू हुई जांच
 मौका मुआइना रोका गया मौके पर हो रहा निर्माण कार्य 
जांच शुरू होते ही खेल में शामिल चेहरों से उडी हवाईयां
बाराबंकी। (Barabanki)  संतोषी माता मंदिर के निकट स्थित कब्रिस्तान की जमीन समझौते के नाम पर गुपचुप बेंचने की जांच शुरू हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम के सदस्य अधिकारियों ने आज कब्रिस्तान का मौका मुआइना किया एवं चल रहे निर्माण कार्य को तत्काल रुकवा दिया। मौके पर मिले दूसरे पक्ष से एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया। जांच शुरू होते ही हड़कंप मच गया है।
बताते चले कि संतोषी माता मंदिर के निकट स्थित कब्रिस्तान राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। करीब साठ हजार स्क्वायर फीट जमीन पर भी भू माफियाओ की काली नजर जा लगी। इस जमीन का येन-केन-प्रकारेण सौदा कर बेंचने के खेल में शहर के न सिर्फ कई बड़े चेहरे शामिल रहे बल्कि सभासदों का एक धड़ा अपने मकसद में आखिरकार कामयाब भी हो गया। जिनके माथे कब्रिस्तान की जमीन बचाये रखने की जिम्मेदारी थी और वही सौदेबाज बन बैठे। बिना किसी हक के और यह जानते हुए कि राजस्व विभाग में बतौर कब्रिस्तान दर्ज जमीन में यह लोग एक सीमा तक ही दखल दे सकते हैं फिर भी खरीददारों से मिलीभगत कर साठ चालीस प्रतिशत का समझौता कर लिया। दूसरे शब्दों में जमीन का सौदा कर लिया गया। इसे अंजाम देने में नगर पालिका परिषद के पांच सभासद शामिल रहे। जबकि वक्फ बोर्ड या राजस्व संपत्तियों पर निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ जिलाधिकारी को है। बतौर अपर आयुक्त वक्फ संपत्तियां वह जमीन पर अपना नजरिया रखने के साथ ही फेरबदल करने का हक रखता है।
आखिरकार गुपचुप मालामाल होने की कोशिश छिप नही सकी और इसकी व्यापक तौर पर शिकायत शासन प्रशासन में हो गयी। जिसके बाद डीएम डा आदर्श सिंह के निर्देश पर उपजिलाधिकारी नवाबगंज अभय पांडेय की अगुवाई में जांच टीम बनाई गई। इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व उप निबंधक भी शामिल हैं। आज कब्रिस्तान की जमीन का मौका मुआइना करने के लिए नायब तहसीलदार कानून गो लेखपाल शहर पहुंचे। टीम ने सबसे पहले नक्शा देखा पर उनके पास राजस्व रिकॉर्ड से प्रमाणित कापी न होने पर शिकायत कर्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया। जिससे कब्रिस्तान की असल तस्वीर सामने आई। फिलहाल एक हिस्से पर किया जा रहा निर्माण कार्य तत्काल रुकवा दिया गया। दूसरे पक्ष से मौजूद लोगों से कहा गया कि किस अधिकार के तहत साठ चालीस का समझौता किया गया उसका जवाब एक सप्ताह के भीतर दिया जाये। इसके बाद टीम यहां से चली गई।
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