नई दिल्ली (New Delhi) कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी गई है। कई लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा भी निकालना पड़ा है। महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देश में बेरोजगारी बढ़ी। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष (2020-21) में अप्रैल (April) से दिसंबर (December ) के दौरान 6.5 फीसदी अधिक यानी 71 लाख खाते प्रोविडेंट फंड खाते बंद किए गए।
अप्रैल (April) 2020 से दिसंबर 2020 में बंद किए गए कुल खातों की संख्या 71,01,929 है। अप्रैल 2020 में 2,30,593 खाते बंद हुए थे, मई (May ) में 4,62,635, जून (June) में 6,22,856 खाते, जुलाई (July) में 8,45,755 खाते, अगस्त (August ) में 7,77,410 खाते, सितंबर (September) में 11,18,517 खाते, अक्तूबर (October) में 11,18,751 खाते, नवंबर (November )में 9,54,158 खाते और दिसंबर (December )में 9,71,254 पीएफ खाते बंद हुए थे।
साल 2019-20 के पहले नौ महीनों में 66.7 लाख प्रोविडेंट फंड खाते बंद हुए थे। ईपीएफ खाते (EPF Accounts )कई कारणों की वजह से बंद होते हैं जैसे रिटायरमेंट के वक्त, कर्मचारी के बेरोजगार होने पर या नौकरी में बदलाव के कारण। मौजूदा समय में देश में पांच करोड़ से अधिक सक्रिय ईपीएफ खाते हैं।
निकासी की बात करें, तो श्रम मंत्री संतोष गंगवार (Minister Santosh Gangwar )ने लोकसभा में बताया कि इस दौरान लोगों ने 33 फीसदी अधिक यानी 73498 करोड़ रुपये अपने पीएफ खाते से निकाले। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 55125 करोड़ रुपये था। मालूम हो कि श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि पर 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया है।