Smriti Irani on Rahul Gandhi स्मृति ईरानी ने राजनीति से दूर जाने की अटकलों को खारिज किया है। ईरानी ने कहा कि गांधी परिवार ने 2024 में उनसे लड़ने से इनकार कर दिया इसीलिए राहुल अमेठी से चुनाव नहीं लड़े। उन्होंने कहा कि वो राजनीति में दूर नहीं हुई हैं और फिर चुनाव लड़ सकती हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani on Rahul Gandhi ) आजकल सुर्खियों में हैं। उनका एक बार फिर टीवी शो में वापसी करना इसकी वजह है। टीवी धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में वापसी के साथ ये कयास लगाए जा रहे थे कि स्मृति ईरानी अब राजनीति छोड़ सकती हैं, लेकिन अब इसपर उन्होंने खुद खुलकर जवाब दिया है।
राजनीति से दूर नहीं जा रही स्मृति
स्मृति ईरानी (Smriti Irani on Rahul Gandhi ) ने उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया कि वह राजनीति से दूर जा रही हैं और टीवी धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में अपने किरदार ‘तुलसी’ के रूप में वापसी के बाद अभिनय को ज्यादा समय दे रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से दूर नहीं गई हूं, लेकिन मैं समझ रहीं हूं कि मुझे इसलिए टारगेट किया जा रहा क्योंकि मैंने राहुल गांधी को हराया था।
राहुल के खिलाफ क्यों बदले तेवर?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अब वो ज्यादा मुखर इसलिए नहीं हैं, क्योंकि अब ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है। पूर्व सांसद ने राहुल गांधी पर ज्यादा बयान न देने के बारे में कहा, ”पहले यह मेरी जिम्मेदारी थी। अब नहीं है।” बता दें कि राहुल गांधी को उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से हराया था।
उन्होंने दावा किया कि अगर राहुल गांधी 2024 में भी उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार होते, तो वह उन्हें निश्चित रूप से हरा देतीं। इसीलिए राहुल अमेठी से चुनाव नहीं लड़े।
2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को मैदान में उतारा, जिन्होंने ईरानी को हराया था। जबकि राहुल गांधी रायबरेली और केरल के वायनाड से जीते थे।
गांधी परिवार ने मेरे खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा
इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में ईरानी ने आगे कहा कि गांधी परिवार ने 2024 में मुझसे लड़ने से इनकार कर दिया। मैं क्या कह सकती हूं जब वे युद्ध के मैदान में उतरे ही नहीं? मैं बस उनका पीछा नहीं कर सकती।
फिर लड़ सकती हूं चुनावः स्मृति
स्मृति ने कहा कि मैं कोई राजनीतिक संन्यास नहीं ले रही हूं। उन्होंने कहा कि 49 साल की उम्र में कौन संन्यास लेता है? लोग 49 साल की उम्र में अपना (राजनीतिक) करियर भी शुरू नहीं कर पाते। मैं तीन बार सांसद रह चुकी हूं; पांच विभागों की मंत्री रही हूं। अभी लंबा रास्ता तय करना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2029 का चुनाव अमेठी से लड़ेंगी, उन्होंने जवाब दिया, “मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि पार्टी क्या फैसला करेगी। हो सकता है कि पार्टी 2026 या 2025 में कुछ फैसला करे।”