Friday, October 3, 2025
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सचिन की बेटी Sara Tendulkar ने कभी क्रिकेटर बनना क्यों नहीं चाहा? ऑस्ट्रेलिया से कनेक्शन जोड़ते हुए खुद बताई वजह

सारा तेंदुलकर को टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया के Come and Say G’day कैंपेन का चेहरा बनाया गया है। सारा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से जुड़ी अपनी बचपन की यादें साझा कीं खासकर सिडनी में नए साल का जश्न और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) के बारे में। उन्होंने बताया कि क्रिकेट उनके जीवन का हिस्सा रहा है पर उन्होंने कभी इसे करियर के रूप में नहीं चुना।

भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर अब खुद भी एक नई पहचान बना रही हैं। हाल ही में उन्हें ‘टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया’ के ‘Come and Say G’day’ कैंपेन के लिए भारतीय ऑडियंस का चेहरा बनाया गया है।

इस अभियान में पहले से ही एक एनिमेटेड कंगारू ‘रूबी’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल चुकी है। अब सारा इस अभियान से जुड़कर अपने बचपन की यादों को फिर से जी रही हैं।

Sara Tendulkar ने क्यों कभी क्रिकेट नहीं खेला?

दरअसल, सारा (Sara Tendulkar) ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया कि ऑस्ट्रेलिया उनकी जिंदगी का हिस्सा बहुत पहले से रहा है। जब उनके पिता (Sachin Tendulkar) क्रिकेट के लिए वहां नियमित रूप से जाया करते थे। सारा ने पहली बार 1999 में ऑस्ट्रेलिया की जर्नी की थी। सारा ने बताया,

“हर चार साल में हम वहां जाया करते थे। मुझे वहां की कई खूबसूरत यादें हैं। मेरे और मेरे भाई के लिए वो पल बहुत खास होते थे क्योंकि हमें अपने पापा के साथ समय बिताने का मौका मिलता था।”

सिडनी में नए साल का जश्न और MCG की यादें

सारा ने खास तौर पर सिडनी में न्यू ईयर ईव मनाने की याद को शेयर किया। उन्होंने कहा, “पूरी टीम के साथ बोट पर न्यू ईयर सेलिब्रेट करना मेरे लिए कभी न भूलने वाला अनुभव रहा है। इसके अलावा, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) की भी उन्होंने चर्चा की।

उन्होंने बताया कि जब वह छोटी थीं, तो उन्हें उस जगह का महत्व समझ नहीं आता था। लेकिन जब वह हाल ही में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच देखने गईं, तो उन सभी बचपन की यादों ने फिर से उन्हें घेर लिया।

क्रिकेट से दूरी, लेकिन भावनात्मक जुड़ाव बरकरार

सारा के जीवन में क्रिकेट की मौजूदगी हमेशा रही है, लेकिन सारा ने साफ कहा कि उन्होंने कभी क्रिकेट में करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा। सारा ने बताया कि गली क्रिकेट खेला है, लेकिन क्रिकेट को पेशे के रूप में अपनाने का ख्याल कभी नहीं आया। वो मेरे भाई का क्षेत्र रहा है।

पिता का फेयरवेल मैच सबसे इमोशनल मोमेंट

अपने पिता के कई यादगार पलों में से अगर कोई एक सबसे खास है, तो सारा के लिए वह है सचिन तेंदुलकर का रिटायरमेंट मैच। सारा ने बताया कि साल 2013 का वो मैच मेरे लिए बेहद भावुक था। तब मैं काफी बड़ी हो चुकी थी और समझ सकती थी कि इसका क्या मतलब है। बचपन में मैं पापा के मैच देखने जाती थी, लेकिन उनकी अहमियत पूरी तरह समझ नहीं पाती थी।

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