नेशनल कॉन्फ्रेंस पर उनके अतीत के लिए निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने शुक्रवार को अब्दुल्ला से सवाल किया कि क्षेत्र के लोगों से सलाह किए बिना जम्मू और कश्मीर राज्य को नई दिल्ली को किसने पेश किया।
एनसी और पीडीपी को नई दिल्ली के असली प्रतिनिधि करार देते हुए बुखारी ने कहा कि दोनों राजनीतिक दलों ने अतीत में जम्मू-कश्मीर के लोगों के जनादेश को बेरहमी से रौंदा है। उन्होंने कहा कि दोनों दल हर उस व्यक्ति को नई दिल्ली का प्रतिनिधि घोषित करते हैं जो उनके रास्ते में आता है।
श्रीनगर के चनापोरा निर्वाचन क्षेत्र में अपने डोर-टू-डोर अभियान के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए बुखारी ने जम्मू-कश्मीर के इतिहास में उनकी भूमिका के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा। उन्होंने अब्दुल्ला पर आरोप लगाया कि उन्होंने उस समय क्षेत्र के लोगों से सलाह किए बिना जम्मू-कश्मीर को नई दिल्ली को देने का प्रस्ताव रखा। बुखारी ने कहा कि मैं एनसी और पीडीपी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप नई दिल्ली के असली प्रतिनिधि हैं। आपने 1947 से ही नई दिल्ली के सामने हाथ फैलाए हुए हैं। आपने स्थानीय लोगों से सलाह किए बिना ही जम्मू-कश्मीर को नई दिल्ली को दे दिया। तब से एनसी को कुर्सी के रूप में प्रोत्साहन मिला जबकि पीडीपी की महबूबा मुफ्ती को भी बाद में मुख्यमंत्री का पद दिया गया। इसलिए आप दूसरों को कैसे दोष दे सकते हैं कि वे नई दिल्ली के प्रतिनिधि हैं।
एक सवाल के जवाब में बुखारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद के खिलाफ जो कुछ भी कहा है मैं उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि एनसी और पीडीपी हर किसी को नई दिल्ली का प्रतिनिधि घोषित कर रहे हैं जो भी उनके रास्ते में आता है। बुखरी द्वारा बातचीत की वकालत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इंजीनियर राशिद ने सही कहा है। अगर भारत सरकार पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों से बात कर सकती है तो फिर उन्हें जम्मू-कश्मीर के लोगों से बातचीत करने से कौन रोक रहा है? मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर की आगामी निर्वाचित सरकार अपने लोगों की ओर से लंबित मुद्दों पर नई दिल्ली के साथ बातचीत शुरू करेगी। पोटा, पीएसए, युवाओं की रिहाई, सत्यापन प्रक्रिया को आसान बनाने आदि पर बात करने की जरूरत है। यह हमारी पार्टी का मुख्य एजेंडा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जेलों में बंद युवाओं को माफी दी जाए।