तिरुवनंतपुरम-दिल्ली उड़ान को चेन्नई में बदलने के मामले में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल सहित 5 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर एअर इंडिया पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है। सांसदों ने नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को भी पत्र लिखकर घटना की तत्काल जांच की मांग की है।
तिरुवनंतपुरम-दिल्ली फ्लाइट का रूट बदलकर चेन्नई किए जाने के मामले पर कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल समेत 5 सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है। इन सांसदों ने विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए एअर इंडिया पर कार्रवाई की मांग की है।
वेणुगोपाल और पार्टी सहयोगियों के. सुरेश, अदूर प्रकाश और रॉबर्ट ब्रूस के साथ-साथ सीपीआई (एम) के के. राधाकृष्णन ने भी नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को पत्र लिखा और घटना की तत्काल जांच की मांग की।
ओम बिरला को लिखी चिट्ठी में सांसदों ने क्या कहा?
बिरला को लिखे लेटर में पांचों सांसदों ने कहा कि वे एयर इंडिया की ओर से विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन से जुड़े मामले की ओर उनका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जो 10 अगस्त को उड़ान संख्या एआई 2455 (तिरुवनंतपुरम से दिल्ली) पर हुई घटना से उत्पन्न हुआ है।
सांसदों ने कहा, “उस तारीख को हम सैकड़ों अन्य यात्रियों के साथ यात्रा कर रहे थे। शाम 7:15 बजे की फ्लाइट आने वाले विमान के देर से पहुंचने का हवाला देते हुए, आखिरकार लगभग 8:30 बजे रवाना हुई। शुरू से ही यात्रा में काफी उथल-पुथल रही। यात्रियों को सीट बेल्ट पहने रहने का निर्देश दिया गया था और रात के खाने जैसी बुनियादी उड़ान सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई थी।”
‘बेंगलुरू और कोयंबटूर छोड़ चेन्नई पहुंची फ्लाइट’
उन्होंने बताया कि उड़ान के बीच में ही पायलट ने गंभीर तकनीकी खराबी – मौसम रडार की विफलता – की घोषणा की और कहा कि विमान को चेन्नई की ओर मोड़ा जाएगा। सांसदों ने लिखा, “इससे तत्काल चिंता पैदा हुई क्योंकि उस समय बेंगलुरु और कोयंबटूर जैसे अन्य हवाई अड्डे हमारे स्थान के ज्यादा पास थे। कथित तौर पर अंधेरे में उड़ान भरते हुए दूर के हवाई अड्डे पर जाने का फैसला अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।”
उन्होंने बताया कि चेन्नई हवाई क्षेत्र में पहुंचने पर विमान उतरा नहीं, बल्कि एक घंटे से अधिक समय तक चक्कर लगाता रहा और इस लंबे समय तक रुके रहने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
सांसदों ने रखी ये मांग
उन्होंने कहा, “घटना के तुरंत बाद, हमने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए मामले को सार्वजनिक कर दिया और गंभीर सुरक्षा और प्रक्रियात्मक खामियों को उजागर किया। इन जायज चिंताओं का समाधान करने के बजाय, एयर इंडिया ने सार्वजनिक बयान जारी करके हमारे बयान को झूठा और भ्रामक बताया है। इस तरह, हम उन निर्वाचित सांसदों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं जो जन सुरक्षा के मुद्दे उठाने की अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।”
बिरला को लिखे पत्र में कहा गया है, “इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि इस मामले को एयर इंडिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के रूप में लिया जाए और संसद सदस्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी चिंताओं को गंभीरता और पारदर्शिता के साथ संबोधित किया जाए।”
राम मोहन नायडू को लिखी चिट्ठी में सांसदों ने क्या कहा?
नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखे अपने पत्र में सांसदों ने कहा कि ऐसे समय में जब देश अभी भी अहमदाबाद में हुई दुखद हवाई दुर्घटना और हाल के महीनों में हुई कई हवाई तकनीकी घटनाओं से उबर नहीं पाया है, एयर इंडिया की ओर से इस तरह की अस्पष्टता अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा, “इसलिए हम आपके मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि इस घटना की व्यापक और समयबद्ध जांच का आदेश दिया जाए, जिसमें तकनीकी और प्रक्रियात्मक दोनों पहलुओं को शामिल किया जाए, तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि जांच के निष्कर्ष पूरी तरह से सार्वजनिक किए जाएं।”